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मोदी सरकार के इन तीन कानूनों से CJI चंद्रचूड़ खुश, कहा- `देश बदल रहा है`

Updated on: 20 April, 2024 07:08 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent | hmddigital@mid-day.com

भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ ने शनिवार को देश में तीन नए आपराधिक कानूनों के कार्यान्वयन की सराहना की.

सीजेआई चंद्रचूड़ (फाइल फोटो)

सीजेआई चंद्रचूड़ (फाइल फोटो)

न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने नए आपराधिक न्याय अधिनियम की शुरूआत को समाज के लिए ऐतिहासिक बताया और कहा कि भारत अपनी आपराधिक न्याय प्रणाली में एक महत्वपूर्ण बदलाव के लिए तैयार है. भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ ने शनिवार को देश में तीन नए आपराधिक कानूनों के कार्यान्वयन की सराहना की. 

उन्होंने कहा कि यह (भारत बदल रहा है) भारत के बदलाव का ``स्पष्ट संकेत`` है. सीजेआई के अनुसार, नए कानूनों ने भारत के कानूनी ढांचे को आपराधिक न्याय के एक नए युग में बदल दिया है. यहां ``आपराधिक न्याय प्रणाली के प्रशासन में भारत का प्रगतिशील तरीका`` विषय पर एक सम्मेलन में बोलते हुए उन्होंने कहा कि नए कानून तभी सफल होंगे जब ``नागरिक के रूप में हम उन्हें अपनाएंगे.``


नए आपराधिक न्याय अधिनियम के कार्यान्वयन को समाज के लिए एक ऐतिहासिक क्षण बताते हुए मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि भारत अपनी आपराधिक न्याय प्रणाली में महत्वपूर्ण बदलाव के लिए तैयार है. उन्होंने कहा कि पीड़ितों के हितों की रक्षा और अपराधों की जांच और अभियोजन में दक्षता बढ़ाने के लिए तत्काल सुधार किए गए हैं.



सीजेआई ने कहा, "संसद द्वारा इन कानूनों का पारित होना एक स्पष्ट संकेत है कि भारत बदल रहा है और प्रगति कर रहा है और चंद्रचूड़ के अनुसार, नए कानून तभी सफल होंगे जब उन्हें स्वीकार किया जाएगा." उनके कार्यान्वयन के लिए जिम्मेदार लोगों द्वारा. इस कॉन्फ्रेंस में केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी और सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता भी मौजूद थे. 


देश की आपराधिक न्याय प्रणाली कोबदलने के लिए नव निर्मित कानून ``भारतीय न्यायिक संहिता``, ``भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता`` और ``भारतीय साक्ष्य अधिनियम`` 1 जुलाई से लागू होंगे. हालाँकि, ``हिट-एंड-रन`` मामलों से संबंधित प्रावधान तुरंत लागू नहीं किया जाएगा. तीनों कानूनों को पिछले साल 21 दिसंबर को संसद ने मंजूरी दे दी थी और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 25 दिसंबर को इन्हें मंजूरी दे दी थी.



गौरतलब है कि मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में एक मार्मिक घटना देखने को मिली. सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता के पीछे कुछ जूनियर वकील हाथों में लैपटॉप लेकर चल रहे थे. मुख्य न्यायाधीश डी. वाई चंद्रचूड़ का ध्यान उनकी ओर गया. उन्होंने सुनवाई रोक दी और सॉलिसिटर जनरल से कहा कि मैंने देखा है कि हर दिन आपके जूनियर वकील आपके पीछे लैपटॉप लेकर खड़े रहते हैं. कोर्ट-मास्टर जाँच करेगा कि क्या दोपहर में उनके बैठने की व्यवस्था करना संभव है. सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री के सूत्रों के मुताबिक बाद में चीफ जस्टिस ने खुद जूनियर वकीलों के बैठने की व्यवस्था पर गौर किया. इसके बाद जूनियर वकीलों के बैठने के लिए कोर्ट रूम में स्टूल लगाए गए. बाद में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि चीफ जस्टिस बहुत उदार हैं. आज उन्होंने जो उदारता दिखाई है वह असामान्य है. हर कोर्ट को इनका पालन करना चाहिए. किसी शीर्ष पदस्थ व्यक्ति के लिए कनिष्ठ वकीलों की देखभाल करना दुर्लभ है. सभी जूनियर वकीलों के पास आभार व्यक्त करने के लिए शब्द नहीं थे.`

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