Updated on: 24 October, 2025 03:54 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
उन्होंने इस पहल को शहर के लगातार बढ़ते पर्यावरणीय संकट से निपटने की दिशा में एक अग्रणी कदम बताया.
नई दिल्ली में वायु गुणवत्ता बिगड़ने के बाद शहर में धुंध की एक परत छा गई. तस्वीर/पीटीआई
दिल्ली में लगातार बिगड़ती वायु गुणवत्ता के बीच, मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने शुक्रवार को इस बात पर ज़ोर दिया कि क्लाउड सीडिंग दिल्ली के लिए एक ज़रूरत बन गई है. एक न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने इस पहल को शहर के लगातार बढ़ते पर्यावरणीय संकट से निपटने की दिशा में एक अग्रणी कदम बताया.
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रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने शुक्रवार को मीडिया से बात करते हुए, कहा, "क्लाउड सीडिंग दिल्ली के लिए एक ज़रूरत है और यह अपनी तरह का पहला प्रयोग है. हम इसे दिल्ली में आज़माना चाहते हैं ताकि यह देखा जा सके कि क्या यह इस गंभीर पर्यावरणीय समस्या को नियंत्रित करने में हमारी मदद कर सकता है".
रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने आगे कहा, "दिल्ली की जनता का आशीर्वाद सरकार के साथ है और हमें विश्वास है कि यह एक सफल प्रयोग होगा और भविष्य में हम इन पर्यावरणीय समस्याओं पर काबू पा सकेंगे." इससे पहले, दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने क्लाउड सीडिंग के बारे में ज़ोर देते हुए कहा कि 28 से 30 अक्टूबर तक दिल्ली में बादल छाए रहेंगे और उन्होंने यह भी बताया कि दिल्ली सरकार 29 अक्टूबर को कृत्रिम वर्षा कराने के लिए भौतिक परीक्षणों और अनुमतियों के साथ तैयार है. ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के दूसरे चरण के प्रभावी रहने के बावजूद, दिल्ली और उसके राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) कई इलाकों में `खराब` और `बेहद खराब` श्रेणी में आ गया है. दिवाली के बाद AQI में उल्लेखनीय गिरावट आने के बाद ऐसा हुआ है.
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, 24 अक्टूबर को सुबह 8 बजे तक राष्ट्रीय राजधानी में समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 292 रहा. दक्षिण-पश्चिम दिल्ली के आरके पुरम में एक्यूआई 316 दर्ज किया गया, जबकि पटपड़गंज में 323 दर्ज किया गया. रिपोर्ट के अनुसार बवाना (347), बुराड़ी (334), अशोक विहार (320) और जहाँगीरपुरी (348) जैसे अन्य इलाकों में भी `बेहद खराब` रीडिंग दर्ज की गई. आईटीओ क्षेत्र में भी एक्यूआई 316 दर्ज किया गया, जबकि इंडिया गेट क्षेत्र में 254 दर्ज किया गया. एम्स के पास वायु गुणवत्ता 295 मापी गई, जबकि अक्षरधाम मंदिर और आनंद विहार के आसपास प्रदूषण का स्तर 403 तक पहुँच गया, जिससे दोनों स्थान `गंभीर` श्रेणी में आ गए. इसके विपरीत, धौला कुआँ में एक्यूआई 257 दर्ज किया गया, जो `खराब` श्रेणी में आता है.
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