Updated on: 22 June, 2025 09:49 PM IST | Mumbai
Ujwala Dharpawar
महाराष्ट्र सरकार द्वारा पहली कक्षा से हिंदी को अनिवार्य करने के फैसले के बाद, आदित्य ठाकरे ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की.
X/Pics, Aaditya Thackeray
महाराष्ट्र में हिंदी को अनिवार्य बनाने को लेकर एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया है. महाराष्ट्र सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति को स्वीकार करते हुए यह घोषणा की कि पहली कक्षा से मराठी और अंग्रेजी के साथ हिंदी भी अनिवार्य होगी. इसके तहत, अब पांचवीं कक्षा तक के विद्यार्थियों को हिंदी सीखनी होगी, जबकि पहले यह विषय केवल पांचवीं कक्षा से पढ़ाया जाता था. इस फैसले ने एक नई बहस को जन्म दे दिया है, और न केवल राजनीतिक, बल्कि कला जगत के कई बड़े नाम भी इसके खिलाफ आवाज़ उठा रहे हैं.
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कुठल्याही भाषेला विरोध नाही,
— Aaditya Thackeray (@AUThackeray) June 21, 2025
पण त्या भाषेच्या सक्तीला विरोध आहेच! त्याविरुद्ध आंदोलन सुरु असताना आणि मराठी माणूस पेटून उठलेला असताना, आपल्या लक्षात येतंय का की मागल्या दाराने मराठी द्वेषी भाजपाचं काय चाललंय?
गिरगाव चौपाटी येथे उद्धवसाहेबांनी मुंबईत सुरु केलेलं `मराठी रंगभूमी…
शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे ने इस मुद्दे पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए उन्होंने कहा कि किसी भी भाषा का विरोध नहीं किया जा सकता, लेकिन उस भाषा को थोपने का विरोध किया जाना चाहिए. आदित्य ने इस निर्णय पर सवाल उठाया है और इसे महाराष्ट्र की सांस्कृतिक पहचान के खिलाफ साजिश माना है. उन्होंने कहा कि हिंदी को हर कीमत पर थोपने का प्रयास महाराष्ट्र की मराठी पहचान को कमजोर करने की साजिश है.
आदित्य ठाकरे ने अपने बयान में भाजपा पर भी तीखा हमला किया. उनका कहना था कि भाजपा, जो खुद को महाराष्ट्र का समर्थक बताती है, असल में मराठी भाषा और संस्कृति के खिलाफ काम कर रही है. उन्होंने उदाहरण दिया कि उद्धव ठाकरे द्वारा शुरू किया गया ‘मराठी रंगभूमि दलान’ गिरगांव चौपाटी पर चुपके से रद्द कर दिया गया है. इसके अलावा, मराठी भाषा भवन का महत्व कम करने के लिए वहां अन्य सरकारी दफ्तरों का निर्माण किया जा रहा है, और इसके जरिए मराठी भाषा भवन के कार्यों को जानबूझकर धीमा किया जा रहा है.
आदित्य ने यह सवाल उठाया कि क्या भाजपा मराठी लोगों की भावनाओं को अनदेखा करते हुए गिरगांव चौपाटी की जमीन किसी बिल्डर को बेचने की तैयारी कर रही है? क्या स्थानीय भाजपा विधायक इस सब में शामिल हैं? क्या महाराष्ट्र की सरकार चुपचाप मराठी भाषा को हाशिए पर डालने का प्रयास कर रही है?
मराठी आणि मुंबई बद्दलच्या प्रश्नांवर तुम्ही शांत बसता की पेटून उठता ह्याचाच अंदाज आज आला आणि प्रतिसाद पाहून खात्री पटली की मुंबईकर मराठी माणूस एकवटला तर मुंबईवरचं प्रत्येक संकट, अन्याय, दडपशाही आपण मिळून मोडून काढू!
— Aaditya Thackeray (@AUThackeray) June 21, 2025
`लढा आपल्या मुंबईचा` सुरु झालाय. मुंबईच्या प्रश्नांसाठी आम्ही… https://t.co/pfjuJYJFgb pic.twitter.com/oo21vkzJHi
आदित्य ठाकरे ने महाराष्ट्रवासियों से अपील की कि वे इस खेल को पहचानें और अपने अधिकारों की रक्षा करें. इस मुद्दे पर विरोध लगातार बढ़ रहा है, और इसे महाराष्ट्र की सांस्कृतिक पहचान से जोड़कर देखा जा रहा है.
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