Updated on: 21 January, 2025 12:40 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 से पहले अरविंद केजरीवाल ने भाजपा पर आरोप लगाया है कि अगर वह सत्ता में आई तो दिल्ली के स्कूलों में दी जा रही मुफ्त शिक्षा को बंद कर देगी.
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दिल्ली में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका है. 5 फरवरी को मतदान होगा और 8 फरवरी को नतीजे आएंगे. इसके साथ ही सियासी दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी तेज हो गया है. आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने भाजपा (BJP) पर बड़ा हमला बोला है. उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सत्ता में आने पर दिल्ली के स्कूलों में दी जा रही मुफ्त शिक्षा को खत्म कर देगी.
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मीडिया से बातचीत में केजरीवाल ने कहा, “दिल्ली में हमारी सरकार ने शिक्षा को सभी के लिए मुफ्त कर दिया है. 18 लाख बच्चों को बेहतरीन शिक्षा मिल रही है, लेकिन भाजपा इसे खत्म करना चाहती है. उन्होंने अपने संकल्प पत्र में लिखा है कि दिल्ली के जरूरतमंद छात्रों को मुफ्त शिक्षा दी जाएगी. इसका मतलब है कि अब हर कोई स्कूलों में मुफ्त शिक्षा नहीं पा सकेगा और जरूरतमंदों को अपनी पात्रता साबित करने के लिए नेताओं के चक्कर काटने होंगे."
केजरीवाल ने सवाल उठाते हुए कहा कि भाजपा अगर सत्ता में आई तो क्या दिल्ली में सभी बच्चों को समान अवसर मिल पाएंगे? उन्होंने कहा, "सरकारी स्कूलों में हर वर्ग के बच्चों को मुफ्त शिक्षा मिल रही है, लेकिन भाजपा इसे खत्म करके इसे केवल जरूरतमंदों तक सीमित करना चाहती है. इसका मतलब है कि जनता को बार-बार सरकारी दफ्तरों और नेताओं के पास अपनी स्थिति साबित करने जाना पड़ेगा."
उन्होंने दावा किया कि उनकी सरकार ने सरकारी स्कूलों में क्रांतिकारी बदलाव किए हैं, जिससे लाखों बच्चों का भविष्य संवर रहा है. मुख्यमंत्री ने जनता से अपील करते हुए कहा कि वे ऐसे किसी भी फैसले को स्वीकार न करें, जो उनके बच्चों के भविष्य को अंधकार में धकेल दे.
भाजपा की ओर से अभी तक इस बयान पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन चुनावी माहौल में शिक्षा एक बड़ा मुद्दा बन चुका है. दिल्ली में सरकार ने शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में जो सुधार किए हैं, उन पर जनता की नजर बनी हुई है.
दिल्ली के धोबी समाज के लिए हमारी प्लानिंग। https://t.co/HnJ81AdZ0L
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) January 21, 2025
चुनाव प्रचार के दौरान शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी सुविधाओं पर जोर दिया जा रहा है. अब देखना यह होगा कि दिल्ली की जनता किस पार्टी पर भरोसा जताएगी और क्या मुफ्त शिक्षा का मुद्दा AAP के पक्ष में माहौल बना पाएगा या नहीं.
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