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नंदगांव-मनमाड सीट पर उम्मीदवार बदलने की मांग तेज, एनसीपी कार्यकर्ताओं ने अजित पवार से की मुलाकात

Updated on: 22 October, 2024 11:13 AM IST | Mumbai
Ujwala Dharpawar | ujwala.dharpawar@mid-day.com

नंदगांव-मनमाड विधानसभा सीट पर मौजूदा विधायकों की उम्मीदवारी का विरोध बढ़ रहा है. एनसीपी कार्यकर्ताओं ने उपमुख्यमंत्री अजित पवार से मुलाकात कर इस सीट पर एनसीपी को उम्मीदवार देने की मांग की.

एनसीपी कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों का मानना है कि नंदगांव-मनमाड की जनता मौजूदा विधायकों से बेहद नाराज है और इस क्षेत्र में बदलाव की आवश्यकता है.

एनसीपी कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों का मानना है कि नंदगांव-मनमाड की जनता मौजूदा विधायकों से बेहद नाराज है और इस क्षेत्र में बदलाव की आवश्यकता है.

की हाइलाइट्स

  1. नंदगांव-मनमाड सीट पर मौजूदा विधायक के खिलाफ विरोध बढ़ा
  2. एनसीपी कार्यकर्ताओं ने अजित पवार से सीट एनसीपी को देने की मांग की
  3. कार्यकर्ताओं ने सुहास कांडे के लिए काम न करने का निर्णय लिया

नंदगांव-मनमाड विधानसभा क्षेत्र में मौजूदा विधायकों की उम्मीदवारी का विरोध तेज हो गया है. इस विरोध को लेकर आज राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के 400 से 500 कार्यकर्ता और पदाधिकारी उपमुख्यमंत्री अजित पवार के देवगिरी स्थित आवास पर पहुंचे. इन कार्यकर्ताओं ने नंदगांव सीट एनसीपी को देने की मांग की और इस मुद्दे पर अपनी स्पष्ट नाराजगी जाहिर की. उनका कहना था कि यदि यह सीट शिवसेना को दी गई और वहां से मौजूदा विधायक सुहास कांडे को फिर से उम्मीदवार बनाया गया, तो वे उनके लिए काम नहीं करेंगे.

एनसीपी कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों का मानना है कि नंदगांव-मनमाड की जनता मौजूदा विधायकों से बेहद नाराज है और इस क्षेत्र में बदलाव की आवश्यकता है. उनका कहना है कि वर्तमान विधायक सुहास कांडे ने क्षेत्र में जनता की समस्याओं को सुलझाने में असफलता दिखाई है, जिससे जनता त्रस्त हो चुकी है. इसलिए वे चाहते हैं कि एनसीपी इस सीट से अपने उम्मीदवार को मैदान में उतारे. कार्यकर्ताओं ने विशेष रूप से एनसीपी नेता समीर भुजबल को इस सीट से चुनाव लड़ने की मांग की है, क्योंकि उन्हें लगता है कि भुजबल जनता के हितों को बेहतर तरीके से समझते हैं और उनके नेतृत्व में क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव हो सकता है.



यह विरोध केवल एनसीपी कार्यकर्ताओं का नहीं, बल्कि क्षेत्र के लोगों का भी है, जो मौजूदा विधायक के प्रति नाराजगी व्यक्त कर रहे हैं. उनका मानना है कि अगर इस बार भी सुहास कांडे को उम्मीदवार बनाया गया, तो क्षेत्र में जनता की समस्याएं बनी रहेंगी और लोगों को उचित प्रतिनिधित्व नहीं मिलेगा. इस असंतोष के चलते एनसीपी कार्यकर्ताओं ने साफ कह दिया है कि वे सुहास कांडे के लिए किसी भी स्थिति में काम नहीं करेंगे.


अब यह देखना दिलचस्प होगा कि अजित पवार और एनसीपी नेतृत्व इस मांग पर क्या निर्णय लेते हैं. क्या नंदगांव सीट एनसीपी के खाते में आती है, या फिर शिवसेना इस सीट पर अपने उम्मीदवार को बरकरार रखती है?

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