Updated on: 24 July, 2025 07:22 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
विमानन नियामक ने गुरुवार को केबिन क्रू के आराम और ड्यूटी मानदंडों और विभिन्न उल्लंघनों के लिए नोटिस जारी किए.
प्रतीकात्मक चित्र. फ़ाइल चित्र
एयर इंडिया की मुश्किलें फिलहाल कम होती नहीं दिख रही हैं. 12 जून को हुए अहमदाबाद विमान हादसे के बाद से, एयर इंडिया नागरिक उड्डयन महानिदेशक की नज़र में है. एक न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार विमानन नियामक डीजीसीए ने गुरुवार को केबिन क्रू के आराम और ड्यूटी मानदंडों, केबिन क्रू प्रशिक्षण नियमों और परिचालन प्रक्रियाओं से संबंधित विभिन्न उल्लंघनों के लिए एयर इंडिया को चार और कारण बताओ नोटिस जारी किए. डीजीसीए का यह नोटिस एयरलाइन द्वारा विमानन नियामक को कुछ स्वैच्छिक खुलासे करने के एक महीने बाद आया है.
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रिपोर्ट के मुताबिक एयरलाइन द्वारा नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) को 20 और 21 जून को किए गए स्वैच्छिक खुलासों के आधार पर 23 जुलाई को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए. एयर इंडिया के प्रवक्ता ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि "हमें नियामक से ये नोटिस प्राप्त होने की जानकारी है, जो पिछले एक साल में एयर इंडिया द्वारा किए गए कुछ स्वैच्छिक खुलासों से संबंधित हैं. हम निर्धारित अवधि के भीतर इन नोटिसों का जवाब देंगे. हम अपने चालक दल और यात्रियों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं".
एयर इंडिया द्वारा 20 जून को किए गए स्वैच्छिक खुलासे के आधार पर तीन कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं, जिनमें कम से कम चार अल्ट्रा-लॉन्ग-हॉल उड़ानों के संबंध में केबिन क्रू ड्यूटी और विश्राम नियमों का उल्लंघन शामिल है—जिनमें से दो उड़ानें 27 अप्रैल को और एक-एक 28 अप्रैल और 2 मई को संचालित की गईं. रिपोर्ट के अनुसार कम से कम चार उड़ानों के संबंध में क्रू प्रशिक्षण और परिचालन प्रक्रियाओं का भी उल्लंघन हुआ है, जिनमें 26 जुलाई, 2024, 9 अक्टूबर, 2024 और 22 अप्रैल, 2025 को संचालित उड़ानें शामिल हैं.
बयान में यह भी बताया गया है किडीजीसीए का एक कारण बताओ नोटिस 24 जून, 2024 और 13 जून, 2025 को संचालित उड़ानों के संबंध में उड़ान ड्यूटी अवधि/साप्ताहिक विश्राम के उल्लंघन से संबंधित है. रिपोर्ट के मुताबिक एयरलाइन द्वारा 21 जून को किए गए स्वैच्छिक खुलासे के आधार पर जारी एक अन्य कारण बताओ नोटिस, केबिन क्रू प्रशिक्षण और परिचालन प्रक्रियाओं में उल्लंघन के तीन मामलों के बारे में है.
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