Updated on: 24 October, 2025 04:30 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
भूकंप का केंद्र सौराष्ट्र के गोंडल क्षेत्र से 24 किलोमीटर पश्चिम-दक्षिण-पश्चिम में पाया.
प्रतिष्ठित फ़ाइल छवि
गुजरात के राजकोट में शुक्रवार दोपहर भूकंप के झटके महसूस किए गए. राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (एनसीएस) ने रिक्टर पैमाने पर 3.4 तीव्रता दर्ज की. भूकंप का केंद्र सौराष्ट्र के गोंडल क्षेत्र से 24 किलोमीटर पश्चिम-दक्षिण-पश्चिम में पाया गया. राजकोट और आसपास के जिलों में दोपहर करीब 12:37 बजे भूकंप के झटके महसूस किए गए. लोगों ने अपने घरों में भूकंप के झटके महसूस किए, जिससे कुछ देर के लिए इलाके में दहशत फैल गई. हालांकि, अभी तक किसी भी तरह के जान-माल के नुकसान की कोई आधिकारिक रिपोर्ट जारी नहीं की गई है. स्थानीय प्रशासन और आपदा प्रबंधन दल भूकंप को लेकर अलर्ट पर हैं. गुजरात सरकार ने लोगों से शांति बनाए रखने और किसी भी असामान्य स्थिति की तुरंत स्थानीय प्रशासन को सूचना देने का आग्रह किया है.
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राजकोट शहर, गोंडल, जसदण, धोराजी और आसपास के ग्रामीण इलाकों में भूकंप के झटके साफ महसूस किए गए. लोग अपने घरों, दफ्तरों और संस्थानों से बाहर निकल आए. सोशल मीडिया पर कई वीडियो शेयर किए गए हैं जिनमें कुर्सियाँ और पंखे हिलते हुए दिखाई दे रहे हैं. गौरतलब है कि गुजरात का सौराष्ट्र क्षेत्र भूकंपीय रूप से सक्रिय ज़ोन 3 में आता है, जहाँ समय-समय पर हल्के भूकंप आते रहते हैं. 2002 में गुजरात के भुज में आए विनाशकारी भूकंप के बाद, कच्छ और सौराष्ट्र में कई बार 3 से 4 तीव्रता के झटके दर्ज किए गए हैं, लेकिन कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ.
इससे पहले, राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र ने 17 अक्टूबर को भरूच के पास 2.6 तीव्रता का एक बहुत ही हल्का भूकंप दर्ज किया था. इस वर्ष गुजरात और उसके आसपास 14 से ज़्यादा भूकंप दर्ज किए गए हैं, जिनमें से ज़्यादातर रिक्टर पैमाने पर 3-4 तीव्रता के थे. अक्टूबर में, दक्षिण फिलीपींस के तट पर एक ही दिन में दो बड़े भूकंप आए. झटकों की संख्या 300 को पार कर गई थी. सुबह आए 7.4 तीव्रता के भूकंप के बाद शाम को 6.9 तीव्रता का दूसरा भूकंप आया. इस प्राकृतिक आपदा में 7 से ज़्यादा लोगों की जान चली गई, जिनमें से दो की भूकंप के बाद अस्पताल में दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई.
भूकंप के बाद, स्थानीय प्रशासन ने सुनामी की चेतावनी जारी की. 30 से 40 सेकंड तक आए इस भूकंप ने कई घरों, चर्चों, सड़कों और पुलों को क्षतिग्रस्त कर दिया. स्कूली छात्रों और अस्पताल के मरीजों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया गया. दस दिन पहले, फिलीपींस में एक भीषण भूकंप आया था जिसमें 79 लोगों की जान चली गई थी और सैकड़ों घायल हुए थे.
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