Updated on: 19 October, 2025 08:24 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
उन्होंने कहा कि भारत की क्षमताओं का नया युग शुरू है. लखनऊ देश की आत्मनिर्भरता का एक केंद्र बनकर उभरा है.
कल राजनाथ सिंह और योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ स्थित ब्रह्मोस एयरोस्पेस यूनिट से ब्रह्मोस मिसाइलों की पहली खेप को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया.
केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कल लखनऊ में निर्मित ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइलों की पहली खेप को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. इस अवसर पर उन्होंने कहा कि रक्षा क्षेत्र में भारत की क्षमताओं का एक नया युग शुरू हो गया है. लखनऊ देश की सुरक्षा और आत्मनिर्भरता का एक प्रमुख केंद्र बनकर उभरा है. आने वाले समय में, उत्तर प्रदेश रक्षा क्षेत्र के उत्पादन का एक महत्वपूर्ण केंद्र बनेगा.
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राजनाथ सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर को सिर्फ़ एक ट्रेलर बताते हुए,आगे कहा कि पाकिस्तान इस ट्रेलर से समझ गया है कि `अगर भारत इसे जन्म दे सकता है, तो समय आने पर...`. इस वाक्य को अधूरा छोड़ते हुए, रक्षा मंत्री ने पाकिस्तान को भारी नुकसान पहुँचाने की भारत की क्षमता का ज़िक्र किया. यह कहते हुए कि हमारे दुश्मन ब्रह्मोस से बच नहीं पाएँगे, रक्षा मंत्री ने कहा कि `पाकिस्तान की एक-एक इंच ज़मीन ब्रह्मोस की पहुँच में है, यानी पूरा पाकिस्तान ब्रह्मोस मिसाइल की रेंज में है.`
झारखंड उच्च न्यायालय में एक वकील और न्यायाधीश के बीच तीखी बहस के बाद किसी फिल्म जैसा नाटकीय दृश्य देखने को मिला. यह घटना 16 अक्टूबर को रांची स्थित उच्च न्यायालय की कोर्ट संख्या 24 में हुई. वकील ने न्यायाधीश से कहा कि सीमा पार मत कीजिए. अदालत में तीखी बहस और तर्क-वितर्क के बाद, उच्च न्यायालय की पाँच न्यायाधीशों की पीठ ने अधिवक्ता महेश तिवारी के खिलाफ अवमानना का नोटिस जारी किया. सूत्रों ने बताया कि सुनवाई के दौरान, वकील ने न्यायमूर्ति राजेश कुमार द्वारा उनके खिलाफ की गई `सामान्य` टिप्पणी का कड़ा जवाब दिया. अदालती कार्यवाही के लाइव प्रसारण से हुई इस बहस का एक क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. क्लिप में, तिवारी को यह कहते हुए सुना जा सकता है, "देश जल रहा है. न्यायपालिका के साथ-साथ देश भी जल रहा है." जब न्यायाधीश ने उन्हें रोका और उनकी टिप्पणियों पर आपत्ति जताई, तो वकील ने कहा, "मैं अपने तरीके से बहस करूँगा... किसी को अपमानित करने की कोशिश मत करो और सीमा पार मत करो." जब अदालत कक्ष के अंदर मौजूद दो अन्य वकीलों के बीच बहस बढ़ गई, तो उन्होंने हस्तक्षेप किया.
जब एक अन्य वरिष्ठ वकील ने स्थिति को शांत करने की कोशिश की, तो न्यायाधीश ने उन्हें वकील के व्यवहार पर ध्यान देने के लिए कहा. घंटों चली बहस के बाद, झारखंड उच्च न्यायालय ने घटना का स्वतः संज्ञान लिया. एक मीडिया हाउस की रिपोर्ट के अनुसार, पाँच न्यायाधीशों की पीठ ने तिवारी को नोटिस जारी किया. वकील को कथित तौर पर तीन सप्ताह के भीतर अपना जवाब देने को कहा गया है.
भारत के मुख्य न्यायाधीश बी. आर. गवई पर जूता फेंकने की घटना अभी ताज़ा ही है कि मंगलवार को गुजरात के अहमदाबाद स्थित सिविल एवं सत्र न्यायालय में अफरा-तफरी मच गई. 1997 के एक मारपीट मामले में एक गुस्साए शिकायतकर्ता ने अतिरिक्त मुख्य न्यायाधीश एम. पी. पुरोहित पर अपने दोनों जूते फेंक दिए. यह सुनकर कि चारों आरोपियों को बरी कर दिया गया है, उसने अपने जूते उतारकर न्यायाधीश पर फेंक दिए.
सर्वोच्च न्यायालय में भारत के मुख्य न्यायाधीश पर एक वकील द्वारा जूता फेंकने की घटना के कुछ दिनों बाद, अहमदाबाद स्थित गुजरात न्यायिक सेवा संगठन ने तत्काल सुरक्षा व्यवस्था में सुधार की मांग की है. अपने अध्यक्ष एस.जी. डोडिया के नेतृत्व में, संगठन ने एक बयान जारी कर न्यायिक अधिकारियों, अदालती कर्मचारियों और अदालती इमारतों की सुरक्षा के लिए तत्काल और कड़े कदम उठाने की मांग की है. यह घटना भद्रा न्यायालय परिसर में दोपहर के आसपास हुई. वह व्यक्ति सत्र न्यायालय में था. उसके पिता पर 1997 में गोमतीपुर इलाके में एक क्रिकेट मैच के दौरान हुए झगड़े में हमला हुआ था. अदालत ने चारों आरोपियों को बरी कर दिया.
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