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माफी के बाद भी जैन समुदाय का गुस्सा शांत नहीं, मूर्तियों पर बैठकर किया था अभद्र भाषा का इस्तेमाल

Updated on: 09 April, 2025 06:35 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent | hmddigital@mid-day.com

वीडियो वायरल होने के बाद जैन समुदाय में आक्रोश है और उन्होंने इस मामले में कानूनी कार्रवाई की मांग की है. प्रीति कुशवाह ने रील बनाई, जिसमें वे चप्पल पहने बैठी नजर आ रही हैं.

वायरल वीडियो का स्क्रीनशॉट (फोटो साभार: सोशल मीडिया)

वायरल वीडियो का स्क्रीनशॉट (फोटो साभार: सोशल मीडिया)

मध्य प्रदेश के शिवपुरी की लड़की प्रीति कुशवाह द्वारा ग्वालियर किले में जैन तीर्थंकरों की मूर्तियों पर बैठकर रील बनाने पर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है. इस वीडियो में वह चप्पल और जूते पहने, मूर्तियों पर बैठे और अभद्र भाषा का इस्तेमाल करते नजर आ रहे हैं. वीडियो वायरल होने के बाद जैन समुदाय में आक्रोश है और उन्होंने इस मामले में कानूनी कार्रवाई की मांग की है.

प्रीति कुशवाह ने ग्वालियर किले में स्थित प्राचीन जैन तीर्थंकर प्रतिमाओं पर बैठकर एक रील बनाई, जिसमें वे और उनकी साथी प्रतिमाओं पर बूट-चप्पल पहने बैठी नजर आ रही हैं. वीडियो शूट करते समय उन्होंने धार्मिक मूर्तियों का मजाक उड़ाते हुए उन्हें "पत्थर की मूर्तियां" कहा. उन्होंने यह वीडियो अपने इंस्टाग्राम पर अपलोड किया, जो खूब वायरल हुआ.


विवाद बढ़ने के बाद प्रीति कुशवाह ने अपना वीडियो डिलीट कर दिया. उन्होंने जैन समुदाय को संबोधित करते हुए एक माफीनामा वीडियो भी पोस्ट किया. जिसमें उन्होंने कहा कि उन्हें नहीं पता था कि ये मूर्तियां जैन धर्म के लोगों के लिए पवित्र हैं. प्रीति और उसके साथी ने अपनी गलती स्वीकार कर ली है और माफी मांगी है. उन्होंने अपनी गलती स्वीकार की और जैन समुदाय से माफी मांगी. शनिवार को जैन समाज के लोगों ने ग्वालियर एसएसपी धर्मवीर सिंह को एक प्रार्थना पत्र सौंपा. उन्होंने आरोपियों के खिलाफ तत्काल एफआईआर दर्ज करने और कानूनी कार्रवाई की मांग की. इसके अलावा ‘अखिल भारतीय श्री दिगंबर जैन बरैया महासभा’ ने भी एक प्रार्थना पत्र प्रस्तुत कर सख्त कार्रवाई की मांग की.


इस घटना से मध्य प्रदेश भर में जैन समुदाय में आक्रोश है. प्रीति कुशवाह के गृहनगर शिवपुरी में भी लोग विरोध प्रदर्शन के लिए सड़कों पर उतर आए. जैन समाज के नेताओं द्वारा नायब तहसीलदार के माध्यम से मुख्यमंत्री को एक प्रार्थना पत्र भेजा गया. इस याचिका में जैन धर्म का अपमान करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है. इसके अलावा पुरातत्व विभाग की निष्क्रियता की भी आलोचना की गई है. 

समुदाय ने कहा कि ऐसे पवित्र धार्मिक स्थलों पर उचित सुरक्षा एवं निगरानी होनी चाहिए. ग्वालियर पुलिस ने बताया है कि पूरे मामले की जांच शुरू कर दी गई है. प्राथमिक तौर पर वायरल वीडियो और उसमें दिख रहे सभी लोगों की पहचान की जा रही है. पुलिस अधिकारी ने बताया कि जांच के आधार पर दोषियों के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी.


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