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CM फड़णवीस ने मराठी परिवार पर हमले के आरोपी अखिलेश शुक्ला को किया निलंबित

Updated on: 20 December, 2024 02:21 PM IST | mumbai
Ujwala Dharpawar | ujwala.dharpawar@mid-day.com

कल्याण के योगीधाम इलाके में स्थित अजमेरा हाइट्स बिल्डिंग में MTDC के वरिष्ठ अधिकारी अखिलेश शुक्ला द्वारा अपने पड़ोसी देशमुख परिवार पर लोहे की रॉड से हमला करने की घटना ने पूरे राज्य में आक्रोश फैला दिया.

X/Pics, Devendra Fadnavis

X/Pics, Devendra Fadnavis

कल्याण के योगीधाम इलाके में स्थित अजमेरा हाइट्स बिल्डिंग में रह रहे महाराष्ट्र पर्यटन विकास निगम (MTDC) के वरिष्ठ अधिकारी अखिलेश शुक्ला द्वारा अपने पड़ोसी देशमुख परिवार पर हुए हमले ने राज्य में भारी आक्रोश पैदा कर दिया है. घटना का एक वीडियो सामने आने के बाद यह मामला सार्वजनिक हुआ, जिसमें अखिलेश शुक्ला को देशमुख परिवार के दो भाइयों को लोहे की रॉड से बेरहमी से पीटते हुए देखा गया.

गुस्से की लहर और पुलिस की कार्रवाई


वीडियो वायरल होने के बाद पूरे प्रदेश में आक्रोश फैल गया. पुलिस ने इस गंभीर मामले में अखिलेश शुक्ला के खिलाफ केस दर्ज कर लिया, लेकिन गिरफ्तारी में देरी होने के कारण वह फरार हो गया. इस घटना के चलते मराठी समुदाय में भारी नाराजगी देखी गई. पुलिस ने अब उसकी खोज तेज कर दी है, जबकि उनकी पत्नी के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है.


 


 

मुख्यमंत्री की महत्वपूर्ण घोषणा

घटना की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस ने शुक्रवार को विधानसभा में इस मुद्दे पर एक अहम घोषणा की. उन्होंने सदन में स्पष्ट किया कि अखिलेश शुक्ला को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है. मुख्यमंत्री ने कहा, “हमारी सरकार किसी भी प्रकार की हिंसा को बर्दाश्त नहीं करेगी. दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.”

मराठी सम्मान पर विवाद

घटना के बाद शु

क्ला और उनकी पत्नी द्वारा दिए गए कुछ विवादित बयानों ने भी मराठी समुदाय की भावनाओं को आहत किया है. उनका कथित बयान कि “मराठी मानुष का अपमान नहीं सहा जाएगा,” स्थिति को और भड़काने वाला माना जा रहा है. इस बयान के बाद राज्य भर में तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं.

न्याय की मांग और प्रशासन की चुनौती

अखिलेश शुक्ला की गिरफ्तारी अब भी प्रशासन के लिए एक चुनौती बनी हुई है. पुलिस टीमों को विभिन्न संभावित स्थानों पर उसकी तलाश में भेजा गया है. राज्य के सामाजिक संगठनों और राजनीतिक दलों ने इस घटना की निंदा करते हुए पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने की मांग की है.

यह घटना समाज में आपसी सौहार्द और प्रशासनिक जवाबदेही पर गंभीर सवाल खड़े करती है. सरकार की तेज कार्रवाई और सख्त रुख ने फिलहाल स्थिति को नियंत्रण में रखा है, लेकिन आम जनता दोषियों को कड़ी सजा मिलने की प्रतीक्षा कर रही है.

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