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फडणवीस ने MSRDC को दिए निर्देश, समृद्धि एक्सप्रेसवे पर जल्द उपलब्ध होंगे शौचालय, पेट्रोल पंप और फ़ूड मॉल जैसी बुनियादी सुविधाएं

Updated on: 02 October, 2025 01:29 PM IST | Mumbai
Sanjeev Shivadekar | sanjeev.shivadekar@mid-day.com

महाराष्ट्र सरकार समृद्धि एक्सप्रेसवे पर यात्रियों की सुविधा बढ़ाने के लिए शौचालय, पेट्रोल पंप और फ़ूड मॉल जैसी बुनियादी सुविधाएँ स्थापित करने जा रही है.

PIC COURTESY/CMO

PIC COURTESY/CMO

समृद्धि एक्सप्रेसवे पर जल्द ही शौचालय, पेट्रोल पंप और फ़ूड मॉल जैसी बुनियादी सुविधाएँ उपलब्ध होंगी. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास निगम (एमएसआरडीसी) को मार्ग पर इन बुनियादी सुविधाओं को स्थापित करने के लिए सलाहकार नियुक्त करने का निर्देश दिया है. फडणवीस ने कहा, "इन 16 स्थानों में से, राजमार्ग पर कम से कम चार स्थानों को पर्यटन उद्देश्यों को ध्यान में रखते हुए विकसित किया जाना चाहिए."

यात्री एक्सप्रेसवे की आलोचना कर रहे हैं क्योंकि इसमें बुनियादी सुविधाओं का अभाव है, खासकर चालकों की थकान और दुर्घटनाओं को रोकने के लिए इनकी आवश्यकता का हवाला देते हुए. बुधवार को, फडणवीस ने मुंबई स्थित अपने आधिकारिक आवास, वर्षा बंगले में कैबिनेट इंफ्रास्ट्रक्चर कमेटी की बैठक की अध्यक्षता की. बैठक में उपमुख्यमंत्री अजित पवार (राकांपा) और एकनाथ शिंदे (शिवसेना), मुख्य सचिव राजेश कुमार, अतिरिक्त मुख्य सचिव (लोक निर्माण) मनीषा म्हैसकर, अतिरिक्त मुख्य सचिव (वित्त) ओपी गुप्ता और विधि एवं न्यायपालिका विभागों तथा एमएसआरडीसी के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.


बैठक के दौरान, मुख्यमंत्री ने एमएसआरडीसी को समृद्धि एक्सप्रेसवे पर बुनियादी सुविधाओं का विकास करने के निर्देश दिए. नागपुर और चंद्रपुर को जोड़ने वाले 204 किलोमीटर लंबे चार लेन वाले सीमेंट-कंक्रीट राजमार्ग के विकास की परियोजना को भी मंजूरी दी गई. फडणवीस ने सुझाव दिया कि भविष्य में किसी भी सड़क का निर्माण करते समय, उस क्षेत्र में एक "पारिस्थितिकी तंत्र" विकसित किया जाना चाहिए. मुख्यमंत्री ने कहा, "अधिकारियों को पहले से भूमि अधिग्रहण करके इसकी योजना बनानी चाहिए."


फडणवीस ने ज़ोर देकर कहा कि परियोजनाओं को पूरा करने के लिए एक समयबद्ध कार्यक्रम लागू किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा, "लंबित बकाया राशि की जाँच के लिए प्रौद्योगिकी-संचालित प्रणालियाँ स्थापित की जानी चाहिए और यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि विभाग केवल किए गए कार्य के लिए ही भुगतान करे." मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा जारी बयान के अनुसार, राज्य में वर्तमान में 10 लाख करोड़ रुपये की बुनियादी ढांचा परियोजनाओं पर काम चल रहा है.


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