Updated on: 09 January, 2025 09:08 AM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में 10 लाख रुपये के इनाम वाली दो महिला माओवादियों ने पुलिस और सीआरपीएफ के समक्ष आत्मसमर्पण किया. यह आत्मसमर्पण महाराष्ट्र सरकार की पुनर्वास नीति के तहत हुआ.
बुधवार को आत्मसमर्पण करने वाले माओवादी. Pic/Gadchiroli Police
अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि दो महिला माओवादियों ने महाराष्ट्र में गढ़चिरौली पुलिस और सीआरपीएफ के समक्ष आत्मसमर्पण किया.
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महाराष्ट्र सरकार की आत्मसमर्पण और पुनर्वास नीति के तहत दोनों ने आत्मसमर्पण किया. इससे पहले 1 जनवरी को गढ़चिरौली में महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस के समक्ष 11 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया था. इनमें एक महिला माओवादी भी शामिल थी जो पिछले 38 सालों से सक्रिय थी.
आत्मसमर्पण करने वाली दो महिला माओवादियों की पहचान शमाला जुरू पुडो उर्फ लीला, 36, माओवादियों की कंपनी नंबर 10 में सेक्शन कमांडर और काजल मंगरू वडे उर्फ लिम्मी, 24, भामरागढ़ एलओएस की पार्टी सदस्य के रूप में हुई है. अधिकारियों ने बताया कि दोनों ही माओवादी हिंसक मुठभेड़ों, आगजनी और अन्य अपराधों सहित विभिन्न माओवादी गतिविधियों में शामिल थीं.
इसमें कहा गया है कि आत्मसमर्पण करने का उनका फैसला माओवादी समूह की आंतरिक स्थितियों और गढ़चिरौली पुलिस द्वारा लगातार माओवादी विरोधी अभियानों से हताशा का परिणाम है.
अधिकारियों के अनुसार, शमाला जुरू पुडो उर्फ लीला 2002 में माओवादी समूह में शामिल हुई थी और रैंकों में ऊपर उठ गई थी. वह 2008 में सेक्शन कमांडर बन गई और विभिन्न पदों पर काम किया. उसके खिलाफ कुल 45 अपराध दर्ज हैं, जिनमें 21 मुठभेड़, आगजनी के 6 मामले और 18 अन्य अपराध शामिल हैं.
जबकि काजल मंगरू वडे उर्फ लिम्मी 2018 में माओवादी समूह में शामिल हुई और भामरागढ़ एलओएस के साथ काम किया और उसके खिलाफ 4 मुठभेड़, आगजनी का 1 मामला और 3 अन्य अपराधों सहित 8 अपराध दर्ज हैं.
पुलिस ने बताया कि दोनों महिला माओवादियों ने समूह छोड़ने के अपने-अपने कारण बताए हैं, जैसे कि लगातार पुलिस गश्त, जंगलों में घूमना, वरिष्ठ माओवादी कैडर द्वारा पार्टी सदस्यों की चिकित्सा आवश्यकताओं का ध्यान न रखना, महिला सदस्यों को अक्सर मुठभेड़ों के दौरान पीछे छोड़ दिया जाता था और उनकी हत्या होने का खतरा रहता था तथा वरिष्ठ माओवादी अपने फायदे के लिए गरीब आदिवासी युवाओं का शोषण करते थे, आंदोलन के नाम पर धन इकट्ठा करते थे लेकिन उसका इस्तेमाल निजी लाभ के लिए करते थे.
उन्होंने कहा कि निर्दोष आदिवासियों को पुलिस के मुखबिर होने के संदेह में ही मार दिया गया.
पुलिस ने बताया कि लीला की गिरफ्तारी या मुठभेड़ के लिए महाराष्ट्र सरकार ने 8 लाख रुपये का इनाम घोषित किया हुआ है. आत्मसमर्पण करने के बाद उसे केंद्र और महाराष्ट्र सरकार द्वारा दिए जाने वाले पुनर्वास पैकेज के तहत 5.5 लाख रुपये मिलेंगे. लिम्मी पर 2 लाख रुपये का इनाम था. आत्मसमर्पण करने के बाद उसे 4.5 लाख रुपये मिलेंगे.
इन दो महिला माओवादियों का आत्मसमर्पण गढ़चिरौली में व्यापक प्रवृत्ति का हिस्सा है, जहां अधिक माओवादी हिंसक रास्ता छोड़ने का विकल्प चुन रहे हैं. पुलिस ने बताया कि 2022 से अब तक 46 माओवादी आत्मसमर्पण कर चुके हैं, जिनमें से 13 ने 2025 के पहले सप्ताह में ही आत्मसमर्पण कर दिया है. गढ़चिरौली के एसपी नीलोत्पल ने आश्वासन दिया कि जो लोग आत्मसमर्पण करना चाहते हैं और समाज में फिर से शामिल होना चाहते हैं, उन्हें सभी आवश्यक सहायता प्रदान की जाएगी. उन्होंने सक्रिय माओवादियों से हिंसा का त्याग करने और शांति और विकास के मार्ग पर चलने का आग्रह किया.
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