Updated on: 27 March, 2025 10:09 AM IST | Mumbai
Ujwala Dharpawar
ईद पर मोदी सरकार द्वारा मुस्लिम समुदाय को दी जा रही ‘सौगात-ए-मोदी’ किट को लेकर वंचित बहुजन अघाड़ी प्रमुख प्रकाश आंबेडकर ने तीखी प्रतिक्रिया दी है.
X/Pics, Prakash Ambedkar
ईद के मौके पर मोदी सरकार द्वारा 32 लाख मुसलमानों को `सौगात-ए-मोदी` किट बांटने की घोषणा पर देश की सियासत गर्मा गई है. इस किट में सेवइयां, चांद खजूर, सलवार-कमीज और कुर्ता-पायजामा जैसी चीजें शामिल हैं. इसे एक "त्योहारी सौगात" के रूप में पेश किया जा रहा है, लेकिन वंचित बहुजन अघाड़ी (VBA) के प्रमुख प्रकाश आंबेडकर ने इसे लेकर तीखा सवाल उठाया है.
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT
लहू में भीगी हुई सौगात-ए-मोदी!!!
— Prakash Ambedkar (@Prksh_Ambedkar) March 27, 2025
"सौ चूहे खाकर बिल्ली हज को चली" इस मुहावरे को साज करती हुई खबर आ रही है। इस रमज़ान में 32 लाख मुस्लिम भाइयों-बहनों को मोदी मुबारक दे रहे हैं!
जो हाथ मुसलमानों के लहू से तर है — गुजरात से लेकर मॉब लिंचिंग में मरने वाले हर मुसलमान तक — आज वो हाथ… pic.twitter.com/qC2QAMt1sK
प्रकाश आंबेडकर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म `एक्स` पर पोस्ट करते हुए लिखा— "लहू में भीगी हुई सौगात-ए-मोदी! सौ चूहे खाकर बिल्ली हज को चली." उन्होंने कहा कि जिन हाथों पर मुसलमानों के खून के दाग हैं, वही अब मिठाई और कपड़े देकर बहलाने की कोशिश कर रहे हैं.
उन्होंने याद दिलाया कि तबरेज़ अंसारी, मोहम्मद अखलाक, पहलू खान, जुनैद खान, रकबर खान जैसे कई मुसलमान मॉब लिंचिंग का शिकार हुए और आज तक उनके परिवारों को न्याय नहीं मिला. 2002 के गुजरात दंगों में बिलकिस बानो के साथ हुए अत्याचार को भुलाना भी मुश्किल है.
आंबेडकर ने पूछा, "क्या मुसलमान इतने जल्दी भूल जाएंगे कि किन लोगों ने उनके खिलाफ नफरत फैलाई, उनके धार्मिक प्रतीकों का अपमान किया और अब वही लोग चुनाव से पहले उन्हें ईद की सौगातें दे रहे हैं?"
उन्होंने हाल ही में वक्फ संपत्तियों को लेकर आए संशोधन विधेयक और देशभर में बुलडोज़र की कार्रवाई के जरिए मुसलमानों की पहचान को मिटाने की कोशिशों का भी ज़िक्र किया.
प्रकाश आंबेडकर ने खास तौर पर मौलवियों पर भी निशाना साधा जो चुनाव के वक्त मुस्लिमों को दिशा दिखाते हैं, लेकिन ऐसे अहम मुद्दों पर चुप्पी साधे रहते हैं. उन्होंने कहा कि "जिन्होंने हर दर्द में मुसलमानों का साथ दिया, उन्हें नजरअंदाज़ कर के अब जनेऊधारी नेताओं के लिए वोट माँगने वाले मौलवी क्यों खामोश हैं?"
आखिर में आंबेडकर ने मुसलमानों से अपील की— "जागो और समझो कि मिठाई और कपड़े तुम्हारे वोट और सम्मान का विकल्प नहीं हो सकते. पहचानो कि तुम्हारा असली दोस्त कौन है और दुश्मन कौन." यह सौगात नहीं, एक राजनीतिक रणनीति है – ऐसा संकेत प्रकाश आंबेडकर साफ़ तौर पर दे रहे हैं.
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT