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पुणे जिला परिषद के पूर्व अध्यक्ष मंगलदास बांदल गिरफ्तार, ईडी ने 5.6 करोड़ नकदी और लग्जरी संपत्ति की जब्त

Updated on: 21 August, 2024 10:14 AM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent | hmddigital@mid-day.com

ईडी की यह छापेमारी कुल 16 घंटे तक चली, जिसमें मंगलदास बांदल से गहन पूछताछ की गई.

Mangaldas Bandal Pic

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Mangaldas Bandal: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार, 20 अगस्त को पुणे जिला परिषद के पूर्व अध्यक्ष मंगलदास बांदल के आवास पर अचानक छापा मारा, जिससे पूरे पुणे जिले में हड़कंप मच गया है. ईडी ने सुबह 7 बजे से ही कार्रवाई शुरू कर दी थी, जिसमें शिकरापुर के महमंडवाड़ी क्षेत्र और पुणे के हड़पसर क्षेत्र में स्थित बंडल के आवासों को घेर लिया गया था. इस छापेमारी के दौरान, ईडी को बंडल के घर से कुल 5 करोड़ 60 लाख रुपये की नकदी मिली, जिसे तुरंत जब्त कर लिया गया. इसके अलावा, उनके पास से पांच लग्जरी कारें और चार महंगी घड़ियाँ भी जब्त की गईं, जिनकी कुल कीमत लगभग 1 करोड़ रुपये आंकी गई है.

ईडी की यह छापेमारी कुल 16 घंटे तक चली, जिसमें मंगलदास बांदल से गहन पूछताछ की गई. इस दौरान बंडल के परिवार के अन्य सदस्यों, जिनमें उनकी पत्नी रेखाताई बंडल और दो भाई शामिल हैं, से भी पूछताछ की गई. जांच के दौरान, ईडी ने महमंडवाड़ी में स्थित उनके बंगले, जिसे "राहत" नाम से जाना जाता है, की भी तलाशी ली.


ईडी के अधिकारियों ने मंगलदास बांदल के सभी आर्थिक लेन-देन और संपत्तियों की विस्तृत जांच की, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. इस छापेमारी और गिरफ्तारी के बाद से पुणे जिले में खलबली मची हुई है, क्योंकि बंडल जिले की राजनीति में एक प्रमुख और प्रभावशाली व्यक्ति माने जाते हैं.


मंगलदास बांदल की गिरफ्तारी के बाद उन्हें आज मुंबई की अदालत में पेश किया जाएगा, जहां ईडी द्वारा किए गए आरोपों और जब्त संपत्तियों पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी. इस मामले ने राजनीतिक हलकों में भी चर्चा का विषय बना दिया है, और कई लोग यह जानने के लिए उत्सुक हैं कि आगे क्या होगा. ईडी की इस कार्रवाई से स्पष्ट है कि भ्रष्टाचार और काले धन के खिलाफ केंद्र सरकार की मुहिम में कोई ढील नहीं बरती जा रही है, और यह मामला भी उसी का एक उदाहरण है.


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