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छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस से लेकर सिद्धिविनायक स्टेशन तक, भाजपा कर रही पहचान का सौदा: कांग्रेस नेता सचिन सावंत

Updated on: 18 October, 2025 08:29 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent | hmddigital@mid-day.com

गांधी भवन में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कांग्रेस प्रवक्ता सचिन सावंत ने भाजपा और आरएसएस पर धर्म और राष्ट्रीय पहचान का राजनीतिक इस्तेमाल करने का आरोप लगाया.

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कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता सचिन सावंत ने भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर राष्ट्रवाद और धर्म के नाम पर सत्ता की राजनीति करने का गंभीर आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि भाजपा ने धर्म, राष्ट्रीय पहचान और हिंदुत्व की अवधारणा को अपने राजनीतिक लाभ के लिए “कॉर्पोरेट हिंदुत्व” में बदल दिया है. गांधी भवन में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए सावंत ने कहा, “भाजपा का हिंदुत्व अब ऐसा धर्म बन गया है जो लोगों को एक-दूसरे से नफरत करना सिखाता है और इसी नफरत की राजनीति पर भाजपा अपनी सत्ता की रोटियाँ सेंक रही है.”

सावंत ने कहा कि भाजपा ने देश के देवी-देवताओं, पूज्य व्यक्तित्वों और महानायकों की प्रतिष्ठा का व्यापार कर दिया है. उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस का नाम बदलकर कोटक छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस, सिद्धिविनायक मेट्रो स्टेशन का नाम आईसीआईसीआई लोम्बार्ड, महालक्ष्मी स्टेशन का नाम एचडीएफसी लाइफ और आचार्य अत्रे स्टेशन का नाम निप्पॉन एमएफ कर दिया गया है. उन्होंने सवाल उठाया कि “क्या छत्रपति शिवाजी महाराज के नाम के आगे किसी कॉर्पोरेट का नाम जोड़ना उचित है? क्या यह हमारे गौरव और इतिहास का अपमान नहीं है?”


 




 

कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि जब जनता किसानों, मजदूरों, बेरोजगारी या महिलाओं की समस्याओं पर जवाब मांगती है, तब भाजपा ध्यान भटकाने के लिए नाम बदलने और पहचान की राजनीति करती है. उन्होंने कहा कि भाजपा ने इलाहाबाद को प्रयागराज, फैजाबाद को अयोध्या, दिल्ली के राजपथ को कर्तव्यपथ और रेसकोर्स रोड को लोक कल्याण मार्ग में बदल दिया. लेकिन नेहरू और गांधी जैसे नेताओं से भाजपा को एलर्जी है, इसलिए नेहरू साइंस सेंटर और संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान से उनके नाम हटा दिए गए.

सावंत ने कहा कि भाजपा सरकार ने देश के हवाई अड्डे, बंदरगाह और सार्वजनिक संपत्तियाँ पहले ही कॉर्पोरेट्स को बेच दीं, अब मंदिरों और ऐतिहासिक स्थलों के नाम भी नीलाम किए जा रहे हैं. उन्होंने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा कि “अब शायद कालबादेवी और शीतलादेवी स्टेशन भी किसी कॉर्पोरेट के नाम पर चढ़ जाएँगे.”

उन्होंने चेतावनी दी कि कांग्रेस पार्टी और महाराष्ट्र की जनता इस अपमान को कभी बर्दाश्त नहीं करेगी. भाजपा ने धर्म, संस्कृति और राष्ट्रीय पहचान को कॉर्पोरेट हितों के लिए बेच दिया है, जिससे उनके “पाखंडी हिंदुत्व” की सच्चाई जनता के सामने आ गई है.

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