होम > न्यूज़ > नेशनल न्यूज़ > आर्टिकल > पुणे में GBS का प्रकोप, सुप्रिया सुले ने दूषित पानी पर सरकार को घेरा

पुणे में GBS का प्रकोप, सुप्रिया सुले ने दूषित पानी पर सरकार को घेरा

Updated on: 30 January, 2025 11:09 AM IST | mumbai
Ujwala Dharpawar | ujwala.dharpawar@mid-day.com

GBS outbreak in Pune: पुणे के सिंहगढ़ रोड क्षेत्र में गिलियन बैरे सिंड्रोम (GBS) के बढ़ते मामलों को देखते हुए प्रशासन ने राजाराम पूल से खड़कवासला तक के इलाके को प्रभावित क्षेत्र घोषित किया है.

X/Pics

X/Pics

पुणे के सिंहगढ़ रोड क्षेत्र के किरकटवाड़ी, नांदोशी, नांदेड़ और धायरी गांवों में गिलियन बैरे सिंड्रोम (GBS) के मामलों में अचानक वृद्धि देखी गई है. इस कारण, पुणे नगर निगम (PMC) ने राजाराम पूल से खड़कवासला तक के क्षेत्र को ‘प्रभावित क्षेत्र’ घोषित कर दिया है. बीमारी की रोकथाम और नागरिकों की सुरक्षा के मद्देनजर प्रशासन ने तत्काल कदम उठाए हैं. नगर निगम द्वारा इस क्षेत्र में घर-घर सर्वेक्षण किया जा रहा है ताकि संभावित मरीजों की पहचान कर समय पर इलाज सुनिश्चित किया जा सके. इस कार्य के लिए 85 टीमें नियुक्त की गई हैं, जो लोगों को आवश्यक जानकारी भी प्रदान कर रही हैं ताकि वे घबराने के बजाय सतर्क रहें. इसके साथ ही, स्वास्थ्य विभाग भी इस बीमारी के फैलने के कारणों की जांच कर रहा है.

मिली जानकारी के अनुसार, यह बीमारी दूषित पानी के कारण फैल रही है. इसे लेकर नागरिकों में चिंता बढ़ गई है, क्योंकि गिलियन बैरे सिंड्रोम एक न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर है, जिसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली नसों पर हमला करने लगती है. इससे कमजोरी, पैरालिसिस और अन्य गंभीर जटिलताएं हो सकती हैं. इस मामले पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार गुट) की सांसद सुप्रिया सुले ने भी सरकार का ध्यान आकर्षित किया है. उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, "पुणे के राजाराम पूल से खड़कवासला तक GBS के मामले सामने आए हैं. कई लोग इस बीमारी से गंभीर रूप से ग्रस्त हैं और इसके फैलने का मुख्य कारण दूषित पानी माना जा रहा है. यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि सरकार नागरिकों को साफ पीने का पानी भी उपलब्ध नहीं करा पा रही है. मैं पुणे के पालकमंत्री, महापालिका आयुक्त और जिलाधिकारी से निवेदन करती हूं कि इस मुद्दे पर तुरंत कार्रवाई करें और नागरिकों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराएं."


 



 

नगर निगम और स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, प्रभावित क्षेत्र में विशेष स्वास्थ्य शिविर लगाए जा रहे हैं, ताकि बीमारी का पता लगाकर समय पर उपचार किया जा सके. प्रशासन की ओर से कहा गया है कि जल्द ही पानी की गुणवत्ता की जांच के लिए एक विशेष अभियान भी शुरू किया जाएगा.

सरकार और नगर निगम की इस आपातकालीन स्थिति में क्या रणनीति होगी, यह आने वाले दिनों में स्पष्ट हो जाएगा, लेकिन फिलहाल नागरिकों को सतर्क रहने और प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन करने की सलाह दी जा रही है.

अन्य आर्टिकल

फोटो गेलरी

रिलेटेड वीडियो

This website uses cookie or similar technologies, to enhance your browsing experience and provide personalised recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy. OK