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हर्षवर्धन सपकाल का आक्रामक बयान: `मराठी भाषा बोलने वाले हिंदू नहीं क्या?`

Updated on: 18 April, 2025 07:20 PM IST | Mumbai

हर्षवर्धन सपकाल ने बीजेपी के हिंदी भाषा थोपने के प्रयास की कड़ी निंदा की है. उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी मराठी भाषा और महाराष्ट्र की संस्कृति को नष्ट करने की साजिश कर रही है.

X/Pics, Harshvardhan Sapkal

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कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सरकार द्वारा हिंदी भाषा की अनिवार्यता को लागू करने के कदम की कड़ी आलोचना करते हुए इसे महाराष्ट्र की मराठी अस्मिता और संस्कृति पर हमला बताया है. उन्होंने कहा कि इस कदम से न केवल राज्य की सांस्कृतिक पहचान को नुकसान होगा, बल्कि यह विद्यार्थियों को मौलिक ज्ञान से भी वंचित करेगा.

 



 


सपकाल ने टिळक भवन में पत्रकारों से बात करते हुए कहा, "हिंदी भाषा की अनिवार्यता को लागू करने का निर्णय पूरी तरह गलत है. सरकार ने यह कदम क्यों उठाया, जब कि एक ओर वे मराठी को अभिजात भाषा का दर्जा देने की बात करते हैं. यह दुराग्रह और दुराग्रही नीतियों का उदाहरण है."

उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी का उद्देश्य हिंदू, हिंदी और हिंदू राष्ट्र के एजेंडे को महाराष्ट्र में लागू करना है. "क्या मराठी बोलने वाले हिंदू नहीं हैं? दक्षिण भारत में हिंदी का विरोध हो रहा है, फिर महाराष्ट्र में इसकी अनिवार्यता क्यों लागू की जा रही है? क्या यह कदम देश को तोड़ने के लिए है?"

इसके साथ ही, सपकाल ने बीजेपी पर छत्रपति शिवाजी महाराज के हिंदवी स्वराज्य की भाषा को नष्ट करने का आरोप लगाया. "छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रशासनिक भाषा को खत्म करने का यह बीजेपी का कुटिल प्रयास है," उन्होंने कहा.

इसके अलावा, उन्होंने अंबाजोगाई में एक वकील महिला पर हुए अमानवीय हमले की भी निंदा की. सपकाळ ने इस घटना को अत्यंत क्रूर और निंदनीय करार देते हुए सरकार से तत्काल कार्रवाई की मांग की. उन्होंने कहा, "अगर एक वकील महिला को सुरक्षा नहीं मिल सकती, तो सामान्य महिलाओं का क्या होगा?"

 

 

सपकाल ने इस हमले के आरोपी सरपंच और उसके सहयोगियों की तत्काल गिरफ्तारी और कड़ी सजा की मांग की. उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि इस तरह के अपराधों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएं और न्याय प्रदान किया जाए.

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