Updated on: 28 November, 2024 09:58 AM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
हेमंत सोरेन आज झारखंड के 14वें मुख्यमंत्री के रूप में चौथी बार शपथ लेंगे। शपथ ग्रहण समारोह शाम 4 बजे राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार की अध्यक्षता में होगा.
X/Pics, Hemant Soren
आज झारखंड के 14वें मुख्यमंत्री के तौर पर हेमंत सोरेन चौथी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे. यह शपथ ग्रहण समारोह आज शाम 4 बजे राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार द्वारा आयोजित किया जाएगा. हेमंत सोरेन की यह चौथी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ है, और यह झारखंड की राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ है. शपथ ग्रहण समारोह में राज्य के कई बड़े नेता और अधिकारी शामिल होंगे, जो इस महत्वपूर्ण अवसर का हिस्सा बनेंगे.
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हेमंत सोरेन झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के प्रमुख नेता हैं और उनका राजनीतिक करियर झारखंड राज्य से जुड़ा हुआ है. उन्होंने पहले भी 2013, 2019 और 2020 में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. हेमंत सोरेन का नेतृत्व झारखंड की आदिवासी और पिछड़े वर्गों के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि उन्होंने हमेशा उनकी भलाई और विकास के लिए काम किया है.
उनकी सरकार ने कई अहम योजनाओं को लागू किया, जैसे कि आदिवासी अधिकारों की रक्षा, राज्य के विकास की दिशा में सुधार, और शिक्षा तथा स्वास्थ्य के क्षेत्र में सुधार की दिशा में कार्य किए. हेमंत सोरेन ने हमेशा झारखंड की गरीब और वंचित वर्गों के लिए योजनाएं बनाई हैं, जो उनकी सरकार की प्राथमिकताओं में रही हैं. उनके शासन में राज्य में कई विकासात्मक कदम उठाए गए हैं, जिनसे राज्य के नागरिकों को फायदा हुआ है.
हेमंत सोरेन का मुख्य उद्देश्य राज्य में विकास को बढ़ावा देना है. वे राज्य के रोजगार के अवसरों को बढ़ाने, कृषि क्षेत्र में सुधार करने और आदिवासी समुदाय के अधिकारों की रक्षा करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं. उनके नेतृत्व में, राज्य में विकास की नई योजनाएं लागू की जाएंगी, जिनका उद्देश्य राज्य के लोगों की जीवनशैली में सुधार लाना है.
आज का शपथ ग्रहण समारोह झारखंड के लिए एक नई शुरुआत का प्रतीक होगा. हेमंत सोरेन की सरकार के सामने कई चुनौतियां हैं, लेकिन उन्होंने हमेशा मुश्किल हालात में भी अपने राज्य के लोगों की भलाई के लिए काम किया है. अब, चौथी बार मुख्यमंत्री बनने के बाद, उनका ध्यान राज्य की आर्थिक स्थिति को सुधारने, रोजगार के अवसर बढ़ाने और शिक्षा व स्वास्थ्य में सुधार लाने पर रहेगा. यह शपथ ग्रहण समारोह राज्य के विकास के लिए एक नई दिशा और आशा का प्रतीक बन सकता है.
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