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नैनीताल रेप केस का भयावह सच: घुटनों के बल चली, दर्द सहती रही और डॉक्टर ने नहीं किया इलाज

Updated on: 04 May, 2025 03:53 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent | hmddigital@mid-day.com

उसके पेट और पीठ में इतना दर्द था कि वह चल नहीं सकती थी, वह केवल अपने घुटनों को घसीट कर चल सकती थी.

प्रतीकात्मक छवि

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नैनीताल रेप केस में एक के बाद एक नए खुलासे हो रहे हैं. बलात्कार के बाद 75 वर्षीय आरोपी मोहम्मद उस्मान द्वारा धमकी दिए जाने के बाद 12 वर्षीय लड़की 10 दिनों तक लापता रही. उसके पेट और पीठ में इतना दर्द था कि वह चल नहीं सकती थी, वह केवल अपने घुटनों को घसीट कर चल सकती थी. इतना ही नहीं, जब उसे इलाज के लिए हल्द्वानी के सरकारी अस्पताल ले जाया गया तो डॉक्टरों ने उसका इलाज करने के बजाय उसे घर वापस भेज दिया.

इस किशोरी के माता-पिता तलाकशुदा हैं. मां ने 2016 में दोबारा शादी कर ली और वह अपने दूसरे पति के साथ उत्तर प्रदेश के संभल में रहती है. उनके पहले पति से दो बेटियां हैं जो नैनीताल में अपनी दादी के घर पर रहती हैं और एक निजी स्कूल में सातवीं और आठवीं कक्षा में पढ़ रही हैं. वह अपनी दोनों बेटियों की देखभाल के लिए हर पखवाड़े नैनीताल आती थीं.


दुष्कर्म के संबंध में दर्ज शिकायत में कहा गया है कि 12 अप्रैल को जब किशोरी सामान खरीदने एक दुकान पर गई थी, तो मोहम्मद उस्मान ने उसे 200 रुपये देने का वादा करके अपने घर बुलाया और गैराज में खड़ी कार में उसके साथ दुष्कर्म किया. जब किशोरी ने विरोध किया तो उसने उस पर चाकू तान दिया, उसका मुंह बंद कर दिया और उसके पूरे परिवार को जान से मारने की धमकी दी.


बलात्कार के बाद पूरी तरह से भयभीत किशोरी बमुश्किल घर पहुंची. जब उसकी बड़ी बहन ने पूछा तो वह चुप रही. वह कई दिनों से लापता थी. जब उसकी बड़ी बहन ने उसे घर बुलाया तो वह उसके सामने चुप रही. फिर 23 अप्रैल को उसकी मां को बुलाया गया और दो दिन की पूछताछ के बाद भी किशोरी कुछ नहीं बता सकी. दोनों बहनों ने स्कूल जाना भी बंद कर दिया.

किशोरी की हालत में सुधार न होने पर 25 अप्रैल को उसकी मां उसे हल्द्वानी के महिला अस्पताल ले गई. बाह्य रोगी विभाग (ओपीडी) का फॉर्म भी भरा गया. हालांकि, किशोरी को देखकर डॉक्टर ने कहा कि पहले पुलिस के पास जाओ, तभी ठीक हो पाओगे. इसलिए मां किशोरी को लेकर घर लौट आई.मोहल्ले वालों को पता चल चुका था कि किशोरी के साथ कुछ अनहोनी हुई है, इसलिए 30 अप्रैल को एक समाजसेवी ने आकर किशोरी की मां को थाने जाने की सलाह दी. जब महिला और उसकी मां ने किशोरी से दोबारा पूछताछ की तो उसने बलात्कार का खुलासा किया. यह सुनकर मेरी माँ ने कहा कि अगर मेरे पास अभी चाकू होता तो मैं उस्मान को मार देती. इस परिवार को पुलिस सुरक्षा दी गई है. इसके अलावा दो काउंसलर भी उनसे नियमित संपर्क में रहते हैं. जिलाधिकारी वंदना ने कहा कि अस्पताल में किशोरी का इलाज करने से इनकार करने वाले डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.


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