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`अगर सीएम फडणवीस कानून नहीं संभाल सकते तो इस्तीफा दें`, भड़के हर्षवर्धन सपकाल

Updated on: 03 March, 2025 10:00 AM IST | mumbai
Ujwala Dharpawar | ujwala.dharpawar@mid-day.com

कांग्रेस अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने कहा कि महाराष्ट्र को एक सक्षम पुलिस महानिदेशक और पूर्णकालिक गृह मंत्री की जरूरत है.

X/Pics, Harshvardhan Sapkal

X/Pics, Harshvardhan Sapkal

महाराष्ट्र में महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों ने राज्य की कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. हाल ही में केंद्रीय मंत्री रक्षा खडसे की बेटियों के साथ छेड़छाड़ और उनके सुरक्षा गार्डों पर हुए हमले ने यह साबित कर दिया है कि राज्य में अपराधी बेखौफ हो चुके हैं. पुलिस के ढीले रवैये के कारण रक्षा खडसे को खुद पुलिस स्टेशन में धरना देना पड़ा, जिससे राज्य में जंगलराज जैसी स्थिति बनने के संकेत मिल रहे हैं. इस घटना पर महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने कड़ा रुख अपनाते हुए गृह मंत्री देवेंद्र फडणवीस के इस्तीफे की मांग की है. उन्होंने कहा कि जब एक केंद्रीय मंत्री की बेटियां भी राज्य में सुरक्षित नहीं हैं, तो आम नागरिकों की सुरक्षा का अंदाजा लगाया जा सकता है.

हर्षवर्धन सपकाल ने फडणवीस पर हमला बोलते हुए कहा,
"अगर आप कानून व्यवस्था नहीं संभाल सकते तो गृह मंत्री के पद से तुरंत इस्तीफा दें. महाराष्ट्र को अपराधियों के हवाले करने की आपकी साजिश को हम बर्दाश्त नहीं करेंगे."


कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि फडणवीस और मुख्यमंत्री की लापरवाही से अपराधियों का मनोबल बढ़ता जा रहा है. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में पुलिस का नहीं, बल्कि गुंडों का राज चल रहा है.


उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि महागठबंधन सरकार ने सेवानिवृत्त डीजीपी रश्मि शुक्ला का कार्यकाल बढ़ाकर पुलिस तंत्र को पूरी तरह निष्क्रिय कर दिया है. इससे अपराधियों को खुला संरक्षण मिल रहा है और महिलाओं पर अत्याचार की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं.

महिलाओं की सुरक्षा को लेकर सरकार की उदासीनता पर सवाल उठाते हुए सपकाल ने कहा कि अगर राज्य सरकार अपराधियों पर नकेल कसने में नाकाम साबित हो रही है, तो मुख्यमंत्री और गृह मंत्री को कुर्सी छोड़ देनी चाहिए.


उन्होंने मांग की कि रश्मि शुक्ला को तत्काल हटाया जाए और महाराष्ट्र को एक सक्षम गृह मंत्री मिले, जो महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित कर सके.

अब देखना यह होगा कि फडणवीस और महाराष्ट्र सरकार इस गंभीर मुद्दे पर क्या कदम उठाते हैं या फिर यह मामला सिर्फ बयानबाजी तक ही सीमित रह जाता है.

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