Updated on: 17 November, 2024 02:45 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने देश के पहले लंबी दूरी के हाइपरसोनिक मिशन के तहत शनिवार को मिसाइल परीक्षण को एक "अद्भुत" उपलब्धि और "ऐतिहासिक क्षण" बताया.
तस्वीर/पीटीआई
भारत ने अपनी सैन्य शक्ति को बढ़ावा देते हुए ओडिशा के तट से लंबी दूरी की हाइपरसोनिक मिसाइल का सफलतापूर्वक उड़ान परीक्षण किया है. एक न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार इस उपलब्धि ने देश को उन चुनिंदा देशों के समूह में शामिल कर दिया है, जिनके पास यह हथियार है जो अत्यधिक गति से हमला कर सकता है और अधिकांश वायु रक्षा प्रणालियों को चकमा दे सकता है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने देश के पहले लंबी दूरी के हाइपरसोनिक मिशन के तहत शनिवार को मिसाइल परीक्षण को एक "अद्भुत" उपलब्धि और "ऐतिहासिक क्षण" बताया.
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT
रिपोर्ट के मुताबिक रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा विकसित हाइपरसोनिक मिसाइल को 1,500 किलोमीटर से अधिक की दूरी तक विभिन्न पेलोड ले जाने के लिए डिज़ाइन किया गया है. सिंह ने `एक्स` पर कहा, "भारत ने ओडिशा के तट से दूर डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से लंबी दूरी की हाइपरसोनिक मिसाइल का सफलतापूर्वक उड़ान परीक्षण करके एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है." उन्होंने कहा, "यह एक ऐतिहासिक क्षण है और इस महत्वपूर्ण उपलब्धि ने हमारे देश को ऐसे चुनिंदा देशों के समूह में शामिल कर दिया है, जिनके पास ऐसी महत्वपूर्ण और उन्नत सैन्य तकनीकों की क्षमता है."
The @DRDO_India has successfully conducted a flight trial of its long range hypersonic missile on 16th Nov 2024 from Dr APJ Abdul Kalam Island, off-the-coast of Odisha.
— रक्षा मंत्री कार्यालय/ RMO India (@DefenceMinIndia) November 17, 2024
Raksha Mantri Shri @rajnathsingh has congratulated DRDO, Armed Forces and the Industry for successful flight… pic.twitter.com/wq7yM2YS9f
आम तौर पर, पारंपरिक विस्फोटक या परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम हाइपरसोनिक मिसाइलें समुद्र तल पर ध्वनि की गति से पांच गुना अधिक (मैक 5 जो लगभग 1,220 किमी है) प्रति घंटे की रेंज में उड़ सकती हैं. हालांकि, हाइपरसोनिक मिसाइलों के कुछ उन्नत संस्करण 15 मैक से अधिक की गति से भी उड़ सकते हैं. रिपोर्ट के अनुसार वर्तमान में, रूस और चीन हाइपरसोनिक मिसाइलों के विकास में बहुत आगे हैं, जबकि अमेरिका एक महत्वाकांक्षी कार्यक्रम के तहत ऐसे हथियारों की एक श्रृंखला विकसित करने की प्रक्रिया में है. फ्रांस, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, जापान, ईरान और इज़राइल सहित कई अन्य देश भी हाइपरसोनिक मिसाइल सिस्टम विकसित करने की परियोजनाओं पर काम कर रहे हैं.
रक्षा मंत्री सिंह ने डीआरडीओ, सशस्त्र बलों और उद्योग को इस "शानदार" उपलब्धि के लिए बधाई भी दी. रक्षा मंत्रालय ने कहा कि मिसाइल को कई डोमेन में तैनात विभिन्न रेंज सिस्टम द्वारा ट्रैक किया गया था. रिपोर्ट के मुताबिक रीडआउट में कहा गया है, "डाउन रेंज शिप स्टेशनों से प्राप्त उड़ान डेटा ने उच्च सटीकता के साथ सफल टर्मिनल युद्धाभ्यास और प्रभाव की पुष्टि की." इस मिसाइल को हैदराबाद स्थित डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम मिसाइल कॉम्प्लेक्स की प्रयोगशालाओं के साथ-साथ डीआरडीओ की विभिन्न प्रयोगशालाओं और उद्योग भागीदारों द्वारा स्वदेशी रूप से विकसित किया गया है.डीआरडीओ के वरिष्ठ वैज्ञानिकों और सशस्त्र बलों के अधिकारियों की मौजूदगी में उड़ान परीक्षण किया गया.
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT