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अगले दो सालों में भारतीय सड़कें अमेरिका जैसी हो जाएंगी, नितिन गडकरी का ऐलान

Updated on: 09 June, 2025 09:25 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent | hmddigital@mid-day.com

उन्होंने अपने बयान का समर्थन करते हुए कहा कि सरकार पिछले एक दशक से सड़कों और राजमार्गों पर काम कर रही है.

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने सोमवार को कहा कि अगले दो सालों में भारतीय सड़क अवसंरचना अमेरिका जितनी अच्छी हो जाएगी. (फोटो: फाइल)

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने सोमवार को कहा कि अगले दो सालों में भारतीय सड़क अवसंरचना अमेरिका जितनी अच्छी हो जाएगी. (फोटो: फाइल)

केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने सोमवार को कहा कि अगले दो वर्षों में भारतीय सड़क अवसंरचना अमेरिका जितनी अच्छी हो जाएगी. एक न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने अपने बयान का समर्थन करते हुए कहा कि सरकार पिछले एक दशक से सड़कों और राजमार्गों पर काम कर रही है.

रिपोर्ट के मुताबिक सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री गडकरी ने साक्षात्कार में यह पूछे जाने पर कि भारतीय सड़कों की सूरत कब पूरी तरह बदल सकती है, "सवाल बदलाव का नहीं है, यह पहले ही बदल चुका है. आपने अभी-अभी समाचार देखा है, मुख्य तस्वीर अभी शुरू होनी है. पाइपलाइन में मौजूद परियोजनाएं तेजी से आगे बढ़ रही हैं. अगले दो वर्षों में, आप देख पाएंगे कि भारतीय सड़क अवसंरचना अमेरिका जैसी हो जाएगी". उन्होंने जवाब दिया, "अमेरिका से कुछ लोग मुझसे मिले और कहा कि हमारा अवसंरचना अमेरिका से बेहतर है."


उन्होंने कहा, "अगर हम अपना निर्यात बढ़ाते हैं, तो इससे हमारे कृषि क्षेत्र, विनिर्माण और सेवाओं के साथ-साथ अन्य सभी क्षेत्रों में सुधार होगा." उन्होंने यह भी कहा कि भारत में मुख्य मुद्दा उच्च रसद लागत का है जो चीन के 8 प्रतिशत, अमेरिका और यूरोपीय देशों के 12 प्रतिशत की तुलना में लगभग 16 प्रतिशत है. उन्होंने कहा, "हमारी सड़कें अच्छी नहीं थीं, हमारे बंदरगाह अच्छे नहीं थे. यातायात की भीड़ ने लागत बढ़ा दी." गडकरी ने कहा कि सड़कों की स्थिति में सुधार के साथ रसद लागत 9 प्रतिशत तक कम हो जाएगी. रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने दोहराया, "यह कम लागत हमें निर्यात प्रतिस्पर्धी बनाएगी."


नितिन गडकरी ने कहा, "हम जम्मू और श्रीनगर के बीच 36 सुरंगों का विकास कर रहे हैं; 23 का काम पूरा हो चुका है और 4-5 अन्य सुरंगों का काम चल रहा है. हम पर्वतमाला योजना के तहत 15 रोपवे विकसित कर रहे हैं, इसके अलावा 35 मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क भी बनाए जा रहे हैं." रिपोर्ट के मुताबिक आर्थिक विकास का मुख्य कारक सार्वजनिक बुनियादी ढांचे का निर्माण, कनेक्टिविटी, व्यापार और जीवन की समग्र गुणवत्ता को बढ़ाना है. 

पिछले एक दशक में भारत ने पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनकर बुनियादी ढांचे के विकास में महत्वपूर्ण प्रगति की है. राष्ट्रीय मास्टर प्लान (एनएमपी) जिसे सरकार ने 2021 में लॉन्च किया था, को बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की व्यवस्थित योजना और समन्वय और निष्पादन सुनिश्चित करने के लिए रेलवे और सड़क सहित विभिन्न मंत्रियों को एक साथ लाने के लिए संक्षेप में डिज़ाइन किया गया था. 


भारत में वर्तमान में दुनिया में दूसरी सबसे बड़ी सड़क कनेक्टिविटी है, और राष्ट्रीय राजमार्ग लगभग 1,46,000 किलोमीटर तक फैला है जो देश का प्राथमिक धमनी नेटवर्क बनाता है. फरवरी 2025 की शुरुआत में जारी बयान के अनुसार, भारत का राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) नेटवर्क 2004 में 65,569 किलोमीटर से बढ़कर 2014 में 91,287 किलोमीटर और 2024 में 1,46145 किलोमीटर हो गया है. चार लेन से अधिक वाले राष्ट्रीय राजमार्ग 2014 में 18,371 किलोमीटर से 2.6 गुना बढ़कर 2024 में 48.422 किलोमीटर हो गए हैं. परिचालन हाई-स्पीड कॉरिडोर 2014 में 93 किलोमीटर से बढ़कर 2024 में 2,138 किलोमीटर हो गए हैं. राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण की गति 2014-15 में 12.1 किलोमीटर/दिन से 2.8 गुना बढ़कर 2023-24 में 33.8 किलोमीटर/दिन हो गई है.

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