Updated on: 17 October, 2024 01:35 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में आईआरएस अधिकारी समीर वानखेड़े के धारावी से शिवसेना (शिंदे गुट) के टिकट पर चुनाव लड़ने की संभावना है.
धारावी विधानसभा क्षेत्र पर कांग्रेस का लंबे समय से दबदबा रहा है, जिसे वर्षा गायकवाड़ ने 2019 में शिवसेना उम्मीदवार आशीष वसंत मोरे को हराकर जीता था.
महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा हो चुकी है, जिसमें 20 नवंबर को मतदान और 23 नवंबर को मतगणना होगी. राज्य की राजनीति में महायुति (शिवसेना-शिंदे गुट, एनसीपी-भाजपा गठबंधन) और महाविकास अघाड़ी (शिवसेना-उद्धव ठाकरे गुट, एनसीपी-शरद पवार गुट, और कांग्रेस गठबंधन) के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिलेगी. सीटों के बंटवारे पर गठबंधन के भीतर चर्चाएं तो चल रही हैं, लेकिन अब तक कोई औपचारिक घोषणा नहीं हुई है. इन सबके बीच एक नाम खास तौर पर चर्चा में है कि तेजतर्रार आईआरएस अधिकारी समीर वानखेड़े. सूत्रों के अनुसार, समीर वानखेड़े महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में उतर सकते हैं. वानखेड़े का नाम तीन साल पहले सुर्खियों में आया था जब उन्होंने ड्रग मामले में बॉलीवुड सुपरस्टार शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान को गिरफ्तार किया था. उस समय राज्य में महाविकास अघाड़ी की सरकार थी और आर्यन खान की गिरफ्तारी के बाद वानखेड़े पर कई आरोप भी लगे थे.
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खबरों के अनुसार, समीर वानखेड़े मुंबई के धारावी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ सकते हैं. वह एकनाथ शिंदे की पार्टी, शिवसेना (शिंदे गुट) के टिकट पर चुनावी मैदान में उतरने की योजना बना रहे हैं. सूत्रों के मुताबिक, शिवसेना (शिंदे गुट) और समीर वानखेड़े के बीच बातचीत लगभग फाइनल हो चुकी है, और जल्द ही वानखेड़े औपचारिक रूप से पार्टी में शामिल हो सकते हैं. हालांकि, इसके लिए वानखेड़े को पहले अपनी सरकारी नौकरी से इस्तीफा देना होगा.
धारावी विधानसभा क्षेत्र पर कांग्रेस का लंबे समय से दबदबा रहा है, जिसे वर्षा गायकवाड़ ने 2019 में शिवसेना उम्मीदवार आशीष वसंत मोरे को हराकर जीता था. हालांकि, 2024 में गायकवाड़ सांसद चुनी गईं, जिससे यह सीट खाली हो गई है. महायुति इस सीट को "हॉट सीट" मानकर इसे लेकर गंभीर है, क्योंकि यह कांग्रेस का पारंपरिक गढ़ रहा है.
वानखेड़े के इस सीट से चुनाव लड़ने की संभावनाओं ने चुनावी माहौल को और रोचक बना दिया है. अगर वह शिवसेना (शिंदे गुट) से चुनाव लड़ते हैं, तो यह महायुति के लिए एक मजबूत दांव साबित हो सकता है. धारावी का निर्वाचन क्षेत्र राजनीतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है और इसकी गणना मुंबई के प्रमुख निर्वाचन क्षेत्रों में होती है.
अब देखना यह होगा कि समीर वानखेड़े का चुनावी मैदान में उतरना महाराष्ट्र की राजनीति को किस दिशा में ले जाता है, और धारावी जैसे महत्वपूर्ण निर्वाचन क्षेत्र में यह फैसला कितना असर डालता है.
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