Updated on: 25 July, 2025 09:30 AM IST | Mumbai
Ujwala Dharpawar
संसद में एक बार फिर `जय महाराष्ट्र` की गूंज सुनाई दी जब कांग्रेस की तीन महिला सांसदों ने हिंदी विवाद पर बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे को घेर लिया.
X/Pics, MNS Adhikrut - मनसे अधिकृत
संसद भवन की लॉबी में बुधवार को एक अप्रत्याशित और तीखा राजनीतिक दृश्य देखने को मिला, जब महाराष्ट्र कांग्रेस की तीन महिला सांसदों ने बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे को उनके विवादास्पद हिंदी संबंधी बयान पर घेर लिया. दुबे, जो पहले ही अपने बयानों को लेकर चर्चा में थे, महाराष्ट्र में जारी हिंदी-विरोधी बहस में कूदते हुए फिर विवादों में फंस गए हैं.
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‘जय महाराष्ट्र’ की गूंज संसद के भीतर
महाराष्ट्र की धुले से सांसद शोभा बच्छाव, दक्षिण मध्य मुंबई की सांसद वर्षा गायकवाड़ और चंद्रपुर की सांसद प्रतिभा धानोरकर ने संसद की लॉबी में दुबे से सीधे जवाब मांगा. तीनों महिला सांसदों ने न केवल सवाल पूछे बल्कि ‘जय महाराष्ट्र’ के नारे भी लगाए. मौके की गर्मी को भांपते हुए निशिकांत दुबे ने बिना जवाब दिए वहां से चुपचाप खिसक जाना ही मुनासिब समझा.
“मुजोर खासदार निशिकांत दुबेला जाब विचारणाऱ्या तीन महिला खासदारांचे मनापासून अभिनंदन. अधिवेशनानंतर त्या ज्यावेळेस मतदारसंघात परततील तेंव्हा त्यांचा सत्कार महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना करेल.. “
— MNS Adhikrut - मनसे अधिकृत (@mnsadhikrut) July 24, 2025
श्री. अविनाश जाधव, नेते महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना#मराठी #महाराष्ट्र #राजठाकरे… pic.twitter.com/9LK4S6z0AY
मनसे ने किया महिला सांसदों का समर्थन
इस घटनाक्रम के बाद महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के नेता अविनाश जाधव खुलकर महिला सांसदों के समर्थन में सामने आए. मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा, “सांसद निशिकांत दुबे से सवाल पूछने वाली तीनों महिला सांसदों को सलाम. महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना सत्र समाप्त होने के बाद अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों में लौटने पर उनका सार्वजनिक सम्मान करेगी.”
हिंदी के नाम पर `राजनीतिक दंभ`?
निशिकांत दुबे ने हाल ही में एक बयान में हिंदी को ‘राष्ट्रभाषा’ बताते हुए मराठी और अन्य क्षेत्रीय भाषाओं पर टिप्पणी की थी, जिससे महाराष्ट्र की राजनीति में तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिली. कांग्रेस सहित क्षेत्रीय दलों ने इसे ‘सांस्कृतिक दमन’ और ‘राजनीतिक अहंकार’ करार दिया. संसद में हुई यह घटना उसी जनाक्रोश का संकेत है जो अब सत्ताधारी दल को सीधे घेरे में ले रहा है.
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