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कंगना रनौत ने वापस लिया किसानों पर दिया बयान, कहा- `मैं अपने शब्द वापस लेती हूं`

Updated on: 25 September, 2024 04:01 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent | hmddigital@mid-day.com

अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में रहने वाली मंडी से बीजेपी सांसद कंगना रनौत ने कृषि कानून पर अपने बयान से देश का सियासी पारा बढ़ा दिया है.

कंगना रनौत (फाइल फोटो)

कंगना रनौत (फाइल फोटो)

बॉलीवुड एक्ट्रेस और सांसद कंगना रनौत ने कृषि कानून को दोबारा बहाल करने की वकालत की, जिसके बाद राजनीति गरमा गई है. उनके इस बयान पर भारतीय जनता पार्टी ने हैरानी जताई है और बयान को उनका निजी बयान बताया है. आख़िरकार उन्हें बुधवार को अपना बयान वापस लेना पड़ा. अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में रहने वाली मंडी से बीजेपी सांसद कंगना रनौत ने कृषि कानून पर अपने बयान से देश का सियासी पारा बढ़ा दिया है. हालांकि, उन्होंने अपने बयान में उम्मीद जताई कि इस पर विवाद हो सकता है. बीजेपी ने कंगना के बयान को निजी बताते हुए खुद को इस बयान से अलग कर लिया है. विवाद बढ़ने पर आखिरकार उन्होंने अपना बयान वापस ले लिया.

कंगना रनौत ने कहा, "पिछले कुछ दिनों में मीडिया ने किसान कानून को लेकर कुछ सवाल पूछे और मैंने सुझाव दिया कि किसानों को प्रधानमंत्री से किसान कानून वापस लाने का अनुरोध करना चाहिए. मेरे बयान से कई लोगों को निराशा हुई. जब यह बात सामने आई तो कई लोगों ने इसका समर्थन किया, लेकिन हमारे प्रधानमंत्री ने बहुत ही संवेदनशीलता के साथ इसे वापस ले लिया. मेरे विचार मेरे अपने नहीं, मेरी पार्टी के स्टैंड होने चाहिए. अगर मेरे विचार से किसी को निराशा हुई है तो मैं खेद व्यक्त करती हूं. मैं अपने शब्द वापस लेती हूं."


भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा कि वह भाजपा की ओर से ऐसा बयान देने के लिए अधिकृत नहीं हैं और उनका बयान कृषि विधेयकों पर भाजपा के दृष्टिकोण को प्रतिबिंबित नहीं करता है. वहीं, विपक्षी ताकतों ने इसे बीजेपी का छिपा हुआ एजेंडा बताया. सरकार में सहयोगी जेडीयू ने भी कंगना के बयान का विरोध किया.


दरअसल, मोदी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल में 3 कृषि कानून पारित किए, जिसका किसानों ने कड़ा विरोध किया. किसान एक साल से अधिक समय से दिल्ली की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे. आरोप ये भी लगे कि इस दौरान कई किसानों की मौत हो गई. किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए सरकार ने साल 2021 में इन तीनों कानूनों को रद्द करने का ऐलान किया. किसान कानून वापस लेते समय पीएम मोदी ने कहा था कि मैं किसानों को मना नहीं सका, कहीं न कहीं गलती हुई है.


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