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‘96 लाख फर्जी वोटर’ बयान पर केशव उपाध्ये का करारा जवाब– `सिर्फ शोर मचाने से सच्चाई नहीं बदलती`

Updated on: 20 October, 2025 10:31 AM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent | hmddigital@mid-day.com

राज ठाकरे के “महाराष्ट्र में 96 लाख फर्जी वोटर” वाले बयान पर बीजेपी ने तीखा पलटवार किया है. पार्टी के मुख्य प्रवक्ता केशव उपाध्ये ने कहा कि राज ठाकरे बिना सबूत के आरोप लगाकर जनता को गुमराह कर रहे हैं.

X/Pics, Keshav Upadhye

X/Pics, Keshav Upadhye

महाराष्ट्र की सियासत में एक बार फिर हलचल मच गई है, जब महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे ने यह दावा किया कि राज्य में करीब 96 लाख फर्जी मतदाता मौजूद हैं. इस बयान ने न केवल राजनीतिक हलकों में बहस छेड़ दी है, बल्कि चुनाव आयोग की विश्वसनीयता पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं.

राज ठाकरे ने अपने हालिया भाषण में कहा कि “महाराष्ट्र में मतदाता सूची में भारी गड़बड़ी है, लाखों फर्जी नाम जोड़े गए हैं. यह चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सीधा हमला है.” ठाकरे ने मांग की कि चुनाव आयोग को तुरंत इस पर कार्रवाई करनी चाहिए और राज्य की मतदाता सूची का पुनरीक्षण करना चाहिए.


उनके इस बयान के तुरंत बाद बीजेपी ने पलटवार किया. भाजपा महाराष्ट्र के मुख्य प्रवक्ता केशव उपाध्ये ने X (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए कहा कि राज ठाकरे बिना सबूत के जनता को गुमराह कर रहे हैं. उन्होंने याद दिलाया कि मनसे उम्मीदवार दीपक येरुकर ने दहिसर विधानसभा क्षेत्र में अपने बूथ पर केवल दो वोट मिलने का आरोप लगाकर ईवीएम पर सवाल उठाए थे, जबकि बाद में यह साबित हुआ कि उन्हें उसी बूथ पर 54 वोट मिले थे.



 


 

उपाध्ये ने लिखा, “राज ठाकरे के आरोपों में कोई तथ्य नहीं है. यह वही रणनीति है जो विपक्ष लगातार अपनाता रहा है — झूठ बोलो, भ्रम फैलाओ और जब सच्चाई सामने आए, तो चुप हो जाओ.” उन्होंने आगे कहा कि राहुल गांधी और संजय राउत जैसे नेताओं को पहले भी अदालतों द्वारा झूठे आरोपों के लिए चेतावनी दी जा चुकी है, लेकिन अब वही रास्ता राज ठाकरे भी अपना रहे हैं.

राजनीतिक जानकारों का मानना है कि ठाकरे का यह बयान आगामी महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों से पहले माहौल बनाने की कोशिश है. वहीं चुनाव आयोग ने अब तक इस दावे पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है.

राज ठाकरे के आरोपों ने विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच जुबानी जंग को और तेज कर दिया है — और अब सभी की निगाहें इस बात पर हैं कि क्या मनसे प्रमुख अपने “96 लाख फर्जी वोटर” वाले दावे के समर्थन में कोई ठोस सबूत पेश कर पाएंगे या नहीं.

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