Updated on: 16 April, 2025 05:59 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
कोलकाता पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, हिंसा के कुछ घंटों बाद सोमवार रात को काशीपुर पुलिस स्टेशन की सीमा से 12 लोगों को गिरफ्तार किया गया.
प्रतीकात्मक तस्वीर
पश्चिम बंगाल में स्थित भांगर में वक्फ (संशोधन) अधिनियम के विरोध के बाद हुई हिंसा में कथित संलिप्तता के लिए पुलिस ने आठ और लोगों को हिरासत में लिया है, जिससे मामले में गिरफ्तार लोगों की कुल संख्या 17 हो गई है, अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी. एक न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार कोलकाता पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, हिंसा के कुछ घंटों बाद सोमवार रात को काशीपुर पुलिस स्टेशन की सीमा से 12 लोगों को गिरफ्तार किया गया.
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रिपोर्ट के मुताबिक अधिकारी ने बताया कि हतिसला से चार और लोगों को गिरफ्तार किया गया और चंदनेश्वर से एक व्यक्ति को हिरासत में लिया गया. अधिकारी ने बताया, "इन लोगों की पहचान सीसीटीवी कैमरे की फुटेज के जरिए की गई, जिसमें वे भांगर में संपत्ति को नुकसान पहुंचाते और हिंसा भड़काते नजर आए."
यह अशांति सोमवार को तब शुरू हुई जब वक्फ (संशोधन) अधिनियम के विरोध के दौरान भांगर में हिंसा भड़क उठी, जिसमें इंडियन सेक्युलर फ्रंट (आईएसएफ) के समर्थकों ने पुलिस के साथ झड़प की, जिसके परिणामस्वरूप कई लोग घायल हो गए, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचा और कई पुलिस वाहनों को आग लगा दी गई. रिपोर्ट के अनुसार झड़पें तब बढ़ गईं जब पुलिस ने आईएसएफ समर्थकों को आईएसएफ नेता और भांगर विधायक नौशाद सिद्दीकी द्वारा संबोधित वक्फ अधिनियम विरोधी रैली में भाग लेने के लिए मध्य कोलकाता के रामलीला मैदान की ओर मार्च करने से रोकने का प्रयास किया.
वक्फ संशोधन अधिनियम के खिलाफ 11 अप्रैल को हुए प्रदर्शन के दौरान भड़की हिंसा के बाद मुर्शिदाबाद के समसेरगंज-धुलियान इलाके में अपने घरों से भागने को मजबूर हुए लोगों को आश्रय देने के लिए मालदा में शिविर बनाया गया है. रिपोर्ट के मुताबिक राहत शिविर में मौजूद डॉक्टर प्रसनजीत मंडल ने बताया कि उनकी टीम जरूरतमंद लोगों को सभी जरूरी दवाएं और सामग्री मुहैया करा रही है.
राहत शिविर में रूपा मंडल ने कहा कि वह चार दिन पहले यहां आई थीं. उन्होंने कहा, "हमें यहां आए हुए 4 दिन हो गए हैं. हमारे पूरे घर में आग लगा दी गई. हम दोपहर का खाना खा रहे थे, तभी अचानक कुछ लोग घुस आए और लूटपाट और हमला करना शुरू कर दिया. बीएसएफ के जवान हमें राहत शिविर में ले गए. हम अपने घर के लिए मुआवजा चाहते हैं." मुर्शिदाबाद में हिंसा वक्फ संशोधन अधिनियम के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों के कारण शुरू हुई, जो इस क्षेत्र का एक विवादास्पद मुद्दा है. हिंसा बढ़ती गई, जिसके परिणामस्वरूप तीन लोगों की मौत हो गई, कई लोग घायल हो गए और व्यापक संपत्ति का नुकसान हुआ.
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