Updated on: 07 October, 2024 02:55 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा कि मैं वामपंथी उग्रवाद प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक में भाग लेने आया हूं, जिसकी अध्यक्षता गृह मंत्री करेंगे.
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे. तस्वीर/पीटीआई
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे सोमवार को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में वामपंथी उग्रवाद (एलडब्ल्यूई) प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में होने वाली समीक्षा बैठक में भाग लेने पहुंचे. एक न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा कि मैं वामपंथी उग्रवाद प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक में भाग लेने आया हूं, जिसकी अध्यक्षता गृह मंत्री करेंगे.
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रिपोर्ट के मुताबिक अमित शाह सोमवार को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में वामपंथी उग्रवाद (एलडब्ल्यूई) प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करेंगे. आंध्र प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड, तेलंगाना, ओडिशा, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मौजूद रहेंगे. गृह मंत्रालय की एक विज्ञप्ति के अनुसार, पांच केंद्रीय मंत्री, केंद्रीय मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारी, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) के प्रतिनिधि और उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार भी भाग लेंगे.
इस विचार-विमर्श में उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और केंद्र, राज्यों और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) के वरिष्ठ अधिकारियों के भी भाग लेने की उम्मीद है. रिपोर्ट के अनुसार मंत्रालय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन में, केंद्र सरकार मार्च 2026 तक वामपंथी उग्रवाद (एलडब्ल्यूई) के खतरे को पूरी तरह से खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है.
केंद्र सरकार नक्सलवाद के खतरे से लड़ने में वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित राज्य सरकारों को हर संभव सहायता प्रदान कर रही है. रिपोर्ट के मुताबिक अमित शाह ने पिछली बार 6 अक्टूबर, 2023 को वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वामपंथी उग्रवाद समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की थी. उस बैठक के दौरान, केंद्रीय गृह मंत्री ने वामपंथी उग्रवाद के उन्मूलन के संबंध में व्यापक निर्देश दिए थे.
मोदी सरकार की रणनीति के कारण वामपंथी हिंसा में 72 प्रतिशत की कमी आई है, जबकि वर्ष 2010 की तुलना में वर्ष 2023 में मौतों में 86 प्रतिशत की कमी आई है और वामपंथी आज अपनी अंतिम लड़ाई लड़ रहा है. इसमें कहा गया है, "वर्ष 2024 में अब तक सशस्त्र वामपंथी कैडरों के सफाए में सुरक्षा बलों द्वारा अभूतपूर्व सफलता देखी गई है. इस वर्ष अब तक 202 वामपंथी कैडरों का सफाया किया जा चुका है, 2024 के पहले 9 महीनों में 723 वामपंथी कैडरों ने आत्मसमर्पण किया है और 812 को गिरफ्तार किया गया है. 2024 में वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित जिलों की संख्या घटकर सिर्फ 38 रह गई है". केंद्र सरकार ने विकास योजनाओं को प्रभावित राज्यों के सुदूर क्षेत्रों तक पहुंचाने के लिए सड़क और मोबाइल कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने सहित कई कदम उठाए हैं. अब तक वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में 14400 किलोमीटर सड़कें बनाई गई हैं और लगभग 6000 मोबाइल टावर लगाए गए हैं.
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