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महाराष्ट्र में लोककलाओं के संरक्षण के लिए सरकार बनाएगी विशेष समिति: मंत्री आशिष शेलार का ऐलान

Updated on: 28 October, 2025 05:24 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent | hmddigital@mid-day.com

महाराष्ट्र सरकार ने राज्य की पारंपरिक लोककलाओं, लोककलाकारों और लोकसंस्कृति के संरक्षण और संवर्धन के लिए एक स्वतंत्र समिति बनाने का निर्णय लिया है.

X/Pics, Ashish Shelar

X/Pics, Ashish Shelar

महाराष्ट्र में लोककलाओं और लोककलाकारों के संरक्षण, संवर्धन और प्रमाणिकरण के लिए सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. राज्य के सांस्कृतिक कार्य मंत्री एड. आशिष शेलार ने सोमवार को घोषणा की कि सांस्कृतिक कार्य विभाग के अंतर्गत एक स्वतंत्र समिति का गठन किया जाएगा, जो पारंपरिक लोककलाओं, लोकसाहित्य और लोकसंस्कृति के दस्तावेजीकरण और संरक्षण का काम करेगी.

यह निर्णय विधान परिषद की उपसभापति नीलम गोर्हे की अध्यक्षता में हुई एक महत्वपूर्ण बैठक में लिया गया. बैठक में मंत्री एड. आशिष शेलार के अलावा लोकसाहित्य विशेषज्ञ डॉ. प्रकाश खांडगे, प्रसिद्ध गायक नंदेश उमप, अभिनेता सुशांत शेलार और सांस्कृतिक कार्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे. बैठक का मुख्य उद्देश्य राज्य के लोककलाकारों के लिए एक स्वतंत्र महामंडल स्थापित करने की दिशा में चर्चा करना था.


बैठक के दौरान लोककलाओं के संरक्षण, संवर्धन और प्रमाणिकरण पर विस्तृत चर्चा हुई. मंत्री शेलार ने कहा कि विषय की व्यापकता और लोककलाओं की विविधता को देखते हुए पहले एक समिति का गठन किया जाएगा, जो एक महीने के भीतर अपनी विस्तृत रिपोर्ट तैयार करेगी. उन्होंने कहा कि समिति के सदस्यों की घोषणा जल्द की जाएगी और रिपोर्ट के आधार पर आगे की नीतिगत दिशा तय की जाएगी.



मंत्री शेलार ने कहा कि लोककला, लोककलाकार और लोकसंस्कृति का डिजिटलाइजेशन और दस्तावेजीकरण बेहद ज़रूरी है, ताकि आने वाली पीढ़ियाँ इस सांस्कृतिक विरासत से परिचित रह सकें. साथ ही, लोककलाओं में इस्तेमाल होने वाले पारंपरिक वाद्य और विशिष्ट वस्तुओं का संरक्षण कर उन्हें संग्रहालयों में प्रदर्शित करने की योजना भी सरकार की प्राथमिकता में है.

बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि राज्य के हर तालुका और जिले में लोककला कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, ताकि स्थानीय कलाकारों को मंच मिल सके और इन परंपरागत कलाओं को प्रोत्साहन मिले.


 

 

मंत्री शेलार ने स्पष्ट किया कि यह कदम राज्य की सांस्कृतिक नीति का हिस्सा होगा और समिति की सिफारिशों के बाद लोककलाओं के पुनरुत्थान की दिशा में ठोस कार्यवाही शुरू की जाएगी. उन्होंने भरोसा दिलाया कि महाराष्ट्र सरकार लोककला और लोकसंस्कृति की विरासत को नई ऊर्जा देने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है.

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