Updated on: 24 June, 2025 05:57 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
कुलकर्णी ने पुणे के अपर्याप्त रेलवे बुनियादी ढांचे की भी आलोचना की.
तस्वीर/@Medha_kulkarni X
महाराष्ट्र से भाजपा सदस्य और राज्यसभा सांसद मेधा कुलकर्णी ने आग्रह किया है कि पुणे स्टेशन का नाम बदलकर मराठा साम्राज्य के सातवें पेशवा श्रीमंत थोरले बाजीराव पेशवा के नाम पर रखा जाना चाहिए. एक न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार कुलकर्णी ने पुणे के अपर्याप्त रेलवे बुनियादी ढांचे की भी आलोचना की और शहर की प्रमुख शैक्षणिक और आईटी हब के रूप में स्थिति को दर्शाने के लिए तत्काल उन्नयन की मांग की. कुलकर्णी ने अपनी मांगें उठाते हुए कहा, "पुणे रेलवे स्टेशन के बारे में कुछ मांगें हैं... पुणे को शैक्षणिक और आईटी हब माना जाता है. इतना महत्वपूर्ण शहर होने के बावजूद, स्टेशन की वर्तमान स्थिति बहुत दयनीय है; इसे सुधारा जाना चाहिए".
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रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने नासिक और बादलपुर जैसे प्रमुख शहरों से खराब कनेक्टिविटी का मुद्दा भी उठाया. समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, "राजधानी एक्सप्रेस को भी पुणे से जोड़ा जाना चाहिए; चाहे वह दिल्ली से हैदराबाद एक्सप्रेस हो या बेंगलुरु से दिल्ली एक्सप्रेस, इसे पुणे से होकर गुजरना चाहिए." उन्होंने विशेष रूप से नासिक में आगामी कुंभ मेले के मद्देनजर बेहतर कनेक्टिविटी की आवश्यकता को रेखांकित किया.
उन्होंने कहा, "नासिक और बदलापुर जैसे शहरों में ज़्यादा कनेक्टिविटी नहीं है और नासिक में होने वाले कुंभ के लिए पुणे से नासिक के लिए कोई ट्रेन नहीं है." कुंभ मेले में लाखों तीर्थयात्रियों के आने की उम्मीद है, जिससे बेहतर परिवहन संपर्क की ज़रूरत बढ़ गई है. व्यापक राजनीतिक रुझान को जोड़ते हुए, कुलकर्णी ने पुणे स्टेशन का नाम बदलने की मांग की, जो कि भारत भर में विभिन्न रेलवे स्टेशनों और शहरों का नाम बदलने की भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार की चल रही पहल के अनुरूप है. रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने पुणे स्टेशन का नाम बदलने की मांग की और कहा, "पुणे स्टेशन का नाम श्रीमंत थोरले बाजीराव पेशवा के नाम पर रखा जाना चाहिए, जिन्होंने कई युद्ध लड़े और एक भी नहीं हारा. ऐसे महान योद्धा का नाम इस परियोजना के लिए होना चाहिए".
ऐतिहासिक या सांस्कृतिक महत्व को दर्शाने के लिए हाल के वर्षों में, कई शहरों और स्टेशनों के नाम बदले गए हैं. रिपोर्ट के मुताबिक इलाहाबाद का आधिकारिक तौर पर नाम बदलकर प्रयागराज कर दिया गया ताकि इसकी प्राचीन आध्यात्मिक विरासत का सम्मान किया जा सके, जबकि प्रतिष्ठित मुगलसराय रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर दिवंगत राजनीतिक नेता को श्रद्धांजलि देते हुए दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन कर दिया गया. इन नाम परिवर्तनों ने पूरे भारत में पहचान, विरासत और स्थानीय इतिहास के संरक्षण के महत्व पर बहस छेड़ दी है.
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