Updated on: 25 October, 2025 03:01 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
ऐसा मुख्य रूप से कुछ निर्दलीय उम्मीदवारों द्वारा संभावित रणनीतिक क्रॉस-वोटिंग और पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के मतदान से दूर रहने के कारण हुआ.
नेशनल कॉन्फ्रेंस के चौधरी मोहम्मद रमज़ान जीत के बाद जश्न मनाते हुए. तस्वीर/पीटीआई
केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद जम्मू-कश्मीर के पहले राज्यसभा चुनाव के नतीजे उम्मीद के मुताबिक ही रहे. एक न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार सत्तारूढ़ नेशनल कॉन्फ्रेंस ने शुक्रवार को तीन सीटें हासिल कीं और भाजपा ने आखिरी सीट पर कब्जा जमाया. ऐसा मुख्य रूप से कुछ निर्दलीय उम्मीदवारों द्वारा संभावित रणनीतिक क्रॉस-वोटिंग और पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के मतदान से दूर रहने के कारण हुआ.
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रिपोर्ट के मुताबिक चार राज्यसभा सीटों के लिए शुक्रवार को मतदान हुआ और पूरी प्रक्रिया तीन अधिसूचनाओं में विभाजित थी. एक सीट पर नेशनल कॉन्फ्रेंस के चौधरी मोहम्मद रमजान का भाजपा के अली मोहम्मद मीर से सीधा मुकाबला था. नेशनल कॉन्फ्रेंस के उम्मीदवार को 58 वोट मिले, जबकि भाजपा को पार्टी के केवल 28 वोट ही मिल पाए.
दूसरी सीट पर, नेशनल कॉन्फ्रेंस के सज्जाद किचलू का भाजपा के राकेश महाजन से सीधा मुकाबला था. किचलू को 57 वोट मिले और भाजपा को 28 वोट मिले. नेशनल कॉन्फ्रेंस का एक वोट खारिज हो गया. रिपोर्ट के अनुसार तीसरी अधिसूचना के लिए, नेशनल कॉन्फ्रेंस ने दो उम्मीदवार उतारे थे - जी एस ओबेरॉय, जिन्हें शम्मी ओबेरॉय के नाम से भी जाना जाता है, और इमरान नबी डार. दूसरी ओर, भाजपा ने अपनी जम्मू-कश्मीर इकाई के प्रमुख सत शर्मा को मैदान में उतारा. ओबेरॉय को 31 वोट मिले, जबकि डार को केवल 21 वोट ही मिले.
भाजपा उम्मीदवार को 32 वोट मिले, जिससे संकेत मिलता है कि पार्टी को चार और वोट मिले, संभवतः निर्दलीय विधायकों के. तीन वोट खारिज कर दिए गए.जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने राज्यसभा के लिए चुने गए तीनों नेशनल कॉन्फ्रेंस उम्मीदवारों को बधाई दी और स्पष्ट किया कि चारों चुनावों में पार्टी के सभी वोट बरकरार रहे, और चुनाव एजेंट ने प्रत्येक मतदान पर्ची देखी.
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