Updated on: 24 February, 2025 12:46 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
संजय राउत ने यह भी कहा कि अगर अशोक हरनाल का इंटरव्यू लिया जाए, तो यह साफ हो जाएगा कि मर्सिडीज गाड़ी का पूरा मामला क्या था.
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दिल्ली में चल रहे 98वें अखिल भारतीय मराठी साहित्य सम्मेलन के दौरान विधान परिषद की उपसभापति नीलम गोरहे ने एक सनसनीखेज आरोप लगाया कि ठाकरे गुट की शिवसेना ने उन्हें एक पद के बदले दो मर्सिडीज कारों की पेशकश की थी. उनके इस बयान से महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल मच गई.
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शिवसेना (ठाकरे गुट) के सांसद संजय राउत ने इस बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए नीलम गोरहे को "बेशर्म" कहा और उन पर तीखा हमला बोला. राउत ने कहा कि नीलम गोरहे का बयान तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है. उन्होंने याद दिलाया कि बालासाहेब ठाकरे भी गोरहे की पार्टी में मौजूदगी को लेकर असहज थे. राउत ने कहा, "बालासाहेब ठाकरे ने मुझसे पूछा था, ‘यह महिला कौन है जिसे आपने पार्टी में शामिल किया?’ वह इस फैसले को लेकर जीवन भर असंतुष्ट रहे."
राउत ने गोरहे पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने चार बार विधायक बनने के बावजूद पार्टी को सिर्फ अव्यवस्था दी. उन्होंने दावा किया कि विधान परिषद में भी उनका प्रदर्शन निराशाजनक रहा. पुणे नगर निगम के पूर्व ग्रुप लीडर अशोक हरनाल का जिक्र करते हुए राउत ने कहा कि जब पुणे की विकास योजना (डीपी) बनाई जा रही थी, तब नीलम गोरहे ने कथित तौर पर डराकर करोड़ों रुपये वसूले थे.
राउत ने यह भी कहा कि अगर अशोक हरनाल का इंटरव्यू लिया जाए, तो यह साफ हो जाएगा कि मर्सिडीज गाड़ी का पूरा मामला क्या था. उन्होंने नीलम गोरहे के आरोपों को राजनीतिक स्टंट करार देते हुए कहा कि वे पार्टी छोड़ने के बाद सस्ती लोकप्रियता पाने के लिए बेबुनियाद बयानबाजी कर रही हैं.
इस बयानबाजी से महाराष्ट्र की राजनीति में नया विवाद खड़ा हो गया है. शिवसेना (ठाकरे गुट) और नीलम गोरहे के बीच यह जुबानी जंग आने वाले दिनों में और तेज हो सकती है.
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