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ईवीएम घोटाले पर नाना पटोले ने चुनाव आयोग से मांगा स्पष्टीकरण, कहा, `एक दिन में 9 लाख 99 हजार 359 वोट कैसे बढ़ गए?`

Updated on: 29 November, 2024 01:10 PM IST | Mumbai
Ujwala Dharpawar | ujwala.dharpawar@mid-day.com

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने ईवीएम घोटाले पर सवाल उठाए. उन्होंने चुनाव आयोग के आंकड़ों में गड़बड़ी और अचानक बढ़े मतदान प्रतिशत को लेकर स्पष्टीकरण की मांग की.

X/Pics, Nana Patole

X/Pics, Nana Patole

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के परिणामों के बाद ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) में धोखाधड़ी के आरोप लगातार उठ रहे हैं. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने एक बार फिर चुनाव आयोग पर सवाल उठाया है. नाना पटोले ने अपने ट्वीट में चुनाव आयोग के आंकड़ों में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए एक गंभीर सवाल उठाया. उनका कहना है कि 20 नवंबर रात 11:30 बजे तक चुनाव आयोग द्वारा घोषित मतदान प्रतिशत 65.2% था, जबकि अगले दिन यानी 21 नवंबर को दोपहर 3 बजे यह आंकड़ा अचानक 66.05% हो गया. नाना पटोले ने पूछा, "यह 1.03% का अंतर कहां गया?" और यह भी पूछा कि एक दिन में 9 लाख 99 हजार 359 वोट कैसे बढ़ गए?

नाना पटोले के अनुसार, इस तरह के आंकड़ों में गड़बड़ी से मतदाताओं के मन में भ्रम पैदा हो रहा है. उन्होंने इसे लोकतंत्र के मूल्यों के खिलाफ बताते हुए चुनाव आयोग से स्पष्टीकरण की मांग की. उन्होंने कहा, "चुनाव आयोग को इस पर जवाब देना चाहिए और यह साफ करना चाहिए कि आखिरकार ये वोट कहां से आए?" इसके साथ ही, पटोले ने चुनाव आयोग से अपील की कि वह इस गड़बड़ी को सुलझाए और लोकतंत्र की विश्वसनीयता को बनाए रखे.


पटोले ने अपने ट्वीट में यह भी कहा कि कांग्रेस किसी भी तरह से लोकतंत्र की प्रक्रिया को नहीं छीनने देगी. उनका यह बयान इस बात को लेकर चिंता को दर्शाता है कि अगर इस तरह की गड़बड़ी और धोखाधड़ी के आरोप सही साबित होते हैं, तो चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता और निष्पक्षता पर सवाल उठ सकते हैं.


यह पहली बार नहीं है जब चुनावी प्रक्रिया पर सवाल उठाए गए हों. पहले भी कई चुनावों में ईवीएम पर गड़बड़ी के आरोप लगे हैं. हालांकि, चुनाव आयोग ने हमेशा इन आरोपों को खारिज किया है और कहा है कि ईवीएम पूरी तरह से सुरक्षित और निष्पक्ष हैं.

 


 

नाना पटोले का यह ट्वीट महाराष्ट्र चुनाव में बढ़ते विवाद को और भी गर्म कर सकता है, क्योंकि इसने चुनाव आयोग की भूमिका पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं. वहीं, विपक्षी दलों ने भी पटोले के बयान का समर्थन किया है और इस मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है.

अब देखना यह होगा कि चुनाव आयोग इस मामले में क्या प्रतिक्रिया देता है और क्या इस पर कोई ठोस कदम उठाया जाता है.

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