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जम्मू-कश्मीर में फैशन शो से उमर अब्दुल्ला को दिक्कत, `आपत्तिजनक` बताते हुए दिए जांच के आदेश

Updated on: 10 March, 2025 03:44 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent | hmddigital@mid-day.com

अब्दुल्ला ने इस कार्यक्रम की निंदा की और इस बात पर जोर दिया कि इसे आयोजित नहीं किया जाना चाहिए था, खासकर रमजान के महीने में.

फ़ाइल तस्वीर

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जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री (सीएम) उमर अब्दुल्ला ने गुलमर्ग में आयोजित एक फैशन शो की जांच के आदेश दिए हैं, जिसकी "सामाजिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने" के लिए आलोचना की गई है. एक न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार अब्दुल्ला ने इस कार्यक्रम की निंदा की और इस बात पर जोर दिया कि इसे आयोजित नहीं किया जाना चाहिए था, खासकर रमजान के महीने में.

रिपोर्ट के मुताबिक "एक फैशन शो आयोजित किया गया था और फैशन शो में कुछ चीजों ने समाज की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है. मैंने वहां जो देखा, उसे देखते हुए इसे साल के किसी भी समय या रमजान के महीने में आयोजित नहीं किया जाना चाहिए था. हमने जांच के आदेश दिए हैं," अब्दुल्ला ने यह स्पष्ट करते हुए कहा कि यह कार्यक्रम निजी पार्टियों द्वारा आयोजित किया गया था, जिसमें किसी भी सरकारी भागीदारी या अनुमति नहीं थी.


उन्होंने कहा, "यह एक निजी पार्टी थी और इसमें कोई सरकारी भागीदारी नहीं थी, कोई अनुमति नहीं ली गई थी, और अगर कोई कानून तोड़ा गया तो हम सख्त कार्रवाई करेंगे." रिपोर्ट के अनुसार इससे पहले, जम्मू-कश्मीर अवामी इत्तेहाद पार्टी के विधायक खुर्शीद अहमद शेख ने फैशन शो को राज्य की संस्कृति पर सीधा हमला बताया. उन्होंने कहा, "रमजान के दौरान इस तरह का आयोजन शर्मनाक है, यह हमारी संस्कृति पर सीधा हमला है...हम इसकी निंदा करते हैं. हम चाहते हैं कि सीएम इसके खिलाफ सख्त कार्रवाई करें." 


अब्दुल्ला की पार्टी जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस (जेकेएनसी) के विधायक तनवीर सादिक ने कहा, "ऐसा नहीं होना चाहिए था. जम्मू-कश्मीर सूफी संतों का स्थान है...सामान्य परिस्थितियों में भी जम्मू-कश्मीर में अर्ध-नग्न शो नहीं होने चाहिए, यह स्वीकार्य नहीं है. उमर अब्दुल्ला (सीएम) ने घटना का संज्ञान लिया है." इस बीच, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने सीएम के जांच के फैसले की आलोचना की है. रिपोर्ट के मुताबिक भाजपा विधायक बलवंत सिंह मनकोटिया ने कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और केंद्र सरकार चाहते हैं कि जम्मू-कश्मीर में सामान्य स्थिति बहाल हो... 5 अगस्त, 2019 (अनुच्छेद 370 निरस्तीकरण दिवस) के बाद, कश्मीर में शांतिपूर्ण माहौल आया है, दुनिया और देश भर के लोग कश्मीर जाना चाहते हैं. लेकिन, कुछ लोग कश्मीर में शांति और सामान्य स्थिति नहीं चाहते... इसलिए यह कुछ लोगों की पुरानी आदत है, वे बिना वजह मुद्दे बनाते हैं और जम्मू-कश्मीर में माहौल खराब करने की कोशिश करते हैं." 

इस बीच, अब्दुल्ला ने कठुआ के बिलावर में तीन नागरिकों की दुखद हत्या पर भी टिप्पणी की और जांच और राजनीतिक हस्तक्षेप पर चिंता जताई. उन्होंने कहा, "जांच जारी है. बिलावर में जो हुआ, उसकी जांच होनी चाहिए," उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि मौतों के कारणों की जांच की जा रही है. अब्दुल्ला ने स्थिति से निपटने के राजनीतिक तरीके पर भी सवाल उठाया और कहा, "मामले का राजनीतिकरण किया जा रहा है." उन्होंने उपमुख्यमंत्री सुरिंदर कुमार चौधरी को क्षेत्र का दौरा करने से रोकने के फैसले की भी आलोचना की और कहा कि उन्हें वहां न जाने के लिए कहा गया था. 


अब्दुल्ला ने कहा, "उन्होंने मुझे बुलाया, इसलिए मैंने उन्हें वहां न जाने के लिए कहा." जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री के अनुसार, कठुआ के एसएसपी ने उपमुख्यमंत्री के दौरे के खिलाफ सलाह दी थी, लेकिन उन्होंने स्थिति को संभालने के तरीके में असंगतता की ओर इशारा किया. अब्दुल्ला ने विपक्ष के नेता सुनील शर्मा के बिलावर दौरे का जिक्र करते हुए कहा, "मैं पूछना चाहता हूं कि एलओपी (विपक्ष के नेता) सुनील शर्मा को वहां जाने की अनुमति कैसे दी गई."

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