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किसान दाभाड़े की आत्महत्या मामले में विपक्ष नेता विजय वडेट्टीवार आक्रामक, सख्त कार्रवाई की मांग की

Updated on: 30 May, 2024 02:17 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent | hmddigital@mid-day.com

वडेट्टीवार ने आज मृतक किसान के परिवार से मुलाकात की है.

 छत्रपति संभाजीनगर के पिंपलखुटा गांव के 52 वर्षीय विट्ठल नामदेव दाभाड़े ने खेत में एक पेड़ से लटककर आत्महत्या कर ली.

छत्रपति संभाजीनगर के पिंपलखुटा गांव के 52 वर्षीय विट्ठल नामदेव दाभाड़े ने खेत में एक पेड़ से लटककर आत्महत्या कर ली.

की हाइलाइट्स

  1. किसान आत्महत्या मामले में विजय वडेट्टीवार ने की महाराष्ट्र सरकार की आलोचना
  2. मृत किसान के परिवार से मिलने पहुंचे विपक्ष नेता
  3. वडेट्टीवार ने सख्त कार्रवाई की मांग की

Farmer Suicide News: मराठवाड़ा में गरीब किसानों की आत्महत्या जारी है. पिंपलखुटा गांव के किसान विट्ठल दाभाडे ने आत्महत्या कर ली. ऐसे में विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार ने इस घटना की आलोचना की है. वडेट्टीवार ने आज मृतक किसान के परिवार से मुलाकात की है. इसके साथ ही कांग्रेस नेता ने अपने सोशल मीडिया पर आत्महत्या से पहले किसान विट्ठल दाभाडे ने लिखी पत्र भी शेयर किया है. 

महागठबंधन सरकार की आलोचना करते हुए विजय वडेट्टीवार ने मीडिया को बताया कि `इस आत्महत्या के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए. साथ ही उन्होंने मृतक ने परिवारवालों आश्वासन दिया कि हम इस परिवार के साथ मजबूती से खड़े हैं. हमने किसान के परिवार से बात की है. किसान विट्ठल दाभाड़े का परिवार आज पुलिस में शिकायत दर्ज कराएगा. इस मामले को कोई दबा नहीं सकता. विट्ठल दाभाड़े को आत्महत्या के लिए उकसाने वाले दोषी बैंक अधिकारी पर सरकार को कार्रवाई करनी होगी.` 



मिली जानकारी के अनुसार, छत्रपति संभाजीनगर के पिंपलखुटा गांव के 52 वर्षीय विट्ठल नामदेव दाभाड़े ने खेत में एक पेड़ से लटककर आत्महत्या कर ली. चार माह पहले जब खेत गिरवी रखकर एक निजी बैंक से ऋण मांगा गया तो बैंक के शाखा अधिकारी खेत गिरवी रखने के चार-पांच माह बाद भी खाते में पैसा जमा करने से इनकार करते रहे. इससे हताश होकर किसान दाभाड़े ने आत्महत्या कर ली. 


विट्ठल दाभाड़े ने आत्महत्या करते समय एक नोट लिखा है और इसमें कहा है कि बैंक मैनेजर भुगतान करने में आनाकानी कर रहा है. अब मैं तंग आ गया हूं. मैं अपनी किस्मत से परेशान हो गया हूं. इस पत्र में कहा गया है कि लोन स्वीकृत होने के बाद चार महीने तक खाते में लोन की रकम जमा नहीं की गई. दाभाड़े परिवार की यह भी शिकायत है कि बैंक मैनेजर और एजेंट पैसे मांग रहे हैं.

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