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पाकिस्तान को और बर्बाद किया जा सकता था, लेकिन भारत ने संयम बरता

Updated on: 29 May, 2025 05:54 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent | hmddigital@mid-day.com

राष्ट्रीय राजधानी में एक कार्यक्रम के दौरान, सिंह ने कहा कि पीओके में रहने वाले लोग भारत के अभिन्न अंग हैं और एक दिन, वे भारतीय मुख्यधारा में फिर से शामिल हो जाएँगे.

राजनाथ सिंह ने कहा कि वह दिन दूर नहीं जब पीओके के लोग आत्मसम्मान और अपनी इच्छा से भारत में शामिल होंगे. तस्वीर/पीटीआई

राजनाथ सिंह ने कहा कि वह दिन दूर नहीं जब पीओके के लोग आत्मसम्मान और अपनी इच्छा से भारत में शामिल होंगे. तस्वीर/पीटीआई

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को कहा कि भारत पाकिस्तान के आतंकवादी हमलों का जवाब `ऑपरेशन सिंदूर` के ज़रिए देते हुए और भी ज़्यादा नुकसान पहुंचा सकता था. लेकिन उसने संयम बरतना ही बेहतर समझा. एक न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार राष्ट्रीय राजधानी में एक कार्यक्रम के दौरान, सिंह ने कहा कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में रहने वाले लोग भारत के अभिन्न अंग हैं और एक दिन, वे निस्संदेह भारतीय मुख्यधारा में फिर से शामिल हो जाएँगे.

रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के उद्घाटन सत्र में अपने संबोधन में, सिंह ने मेक इन इंडिया पहल की महत्वपूर्ण सफलता पर ज़ोर दिया, जो `ऑपरेशन सिंदूर` के दौरान भारत की सुरक्षा और समृद्धि दोनों के लिए ज़रूरी साबित हुई है. रक्षा मंत्री ने कहा, "मेक इन इंडिया भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा का एक ज़रूरी घटक है. अगर हमारे पास यह क्षमता नहीं होती, तो भारत की सेनाएँ निचले पाकिस्तान से लेकर पीओके तक आतंकवाद के खिलाफ़ इतनी प्रभावी कार्रवाई नहीं कर पातीं." सिंह ने कहा, "आपने देखा कि कैसे हमने पहले आतंकी ठिकानों को नष्ट किया और फिर दुश्मन के एयरबेसों को. हम और भी कुछ कर सकते थे, लेकिन शक्ति के साथ संयम भी होना चाहिए. हमने दुनिया के सामने शक्ति और समन्वय का एक उल्लेखनीय उदाहरण पेश किया है. हम और भी कुछ कर सकते थे, लेकिन हमने संयम बरता. आज पाकिस्तान को आतंकवाद का कारोबार चलाने की भारी कीमत का एहसास हो गया है. हमने आतंकवाद के खिलाफ भारत के रुख को फिर से तैयार और परिभाषित किया है. हमने पाकिस्तान के साथ अपने संबंधों और बातचीत के दायरे को फिर से निर्धारित किया है. अब से जब भी बातचीत होगी, वह केवल आतंकवाद और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के बारे में होगी. पाकिस्तान के साथ किसी अन्य मुद्दे पर कोई चर्चा नहीं होगी." 


राजनाथ सिंह ने कहा कि वह दिन दूर नहीं जब पीओके के लोग आत्मसम्मान और अपनी इच्छा से भारत में शामिल होंगे. रिपोर्ट के अनुसार रक्षा मंत्री ने कहा, "पीओके के लोग हमारे अपने हैं. वे हमारे परिवार का हिस्सा हैं. हम प्रधानमंत्री के `एक भारत, श्रेष्ठ भारत` के दृष्टिकोण के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं. हमारा दृढ़ विश्वास है कि हमारे भाई, जो आज भौगोलिक और राजनीतिक रूप से हमसे अलग हैं, एक दिन निश्चित रूप से आत्म-सम्मान और अपनी स्वतंत्र इच्छा के साथ भारतीय मुख्यधारा में लौट आएंगे." 


उन्होंने कहा, "मैं जानता हूं कि वहां के अधिकांश लोग भारत के साथ जुड़ाव महसूस करते हैं. केवल मुट्ठी भर लोग ही गुमराह हुए हैं. भारत ने हमेशा दिलों को जोड़ने में विश्वास किया है और हमारा मानना है कि प्रेम, एकता और सच्चाई के मार्ग पर चलकर वह दिन दूर नहीं जब हमारा अपना पीओके वापस आएगा और घोषणा करेगा: मैं भारतीय हूं और मैं वापस आया हूं". ऑपरेशन सिंदूर 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले के लिए भारत की निर्णायक सैन्य प्रतिक्रिया थी. 7 मई को शुरू किए गए ऑपरेशन सिंदूर में जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे आतंकी संगठनों से जुड़े 100 से ज़्यादा आतंकवादी मारे गए. हमले के बाद, पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा और जम्मू-कश्मीर में सीमा पार से गोलाबारी की और साथ ही सीमावर्ती क्षेत्रों में ड्रोन हमलों का प्रयास किया, जिसके बाद भारत ने एक समन्वित हमला किया और पाकिस्तान के 11 एयरबेसों में रडार इंफ्रास्ट्रक्चर, संचार केंद्रों और हवाई क्षेत्रों को नुकसान पहुंचाया.


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