Updated on: 06 May, 2025 05:28 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद इस तरह की कार्रवाई की यह लगातार 12वीं रात है. इस हमले में 26 लोग मारे गए थे.
तस्वीर/एएफपी
पाकिस्तानी सैनिकों ने जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर संघर्ष विराम का उल्लंघन जारी रखा है, कई सेक्टरों में बिना उकसावे के गोलीबारी की और भारतीय सेना की ओर से कड़ी और संतुलित प्रतिक्रिया की मांग की. एक न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच इस तरह की उकसावे वाली कार्रवाई की यह लगातार 12वीं रात है. इस हमले में 26 लोग मारे गए थे.
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रिपोर्ट के मुताबिक जम्मू में रक्षा प्रवक्ता ने कहा, "5-6 मई की रात को, पाकिस्तानी सेना ने कुपवाड़ा, बारामुल्ला, पुंछ, राजौरी, मेंढर, नौशेरा, सुंदरबनी और अखनूर के विपरीत इलाकों में नियंत्रण रेखा के पार बिना उकसावे के छोटे हथियारों से गोलीबारी की." उन्होंने कहा, "भारतीय सेना ने तुरंत और आनुपातिक रूप से जवाब दिया."
जम्मू-कश्मीर के सात सीमावर्ती जिलों में से पांच जिलों में गोलीबारी हो रही है. अभी तक, सांबा और कठुआ जिलों में अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर गोलीबारी की कोई रिपोर्ट नहीं मिली है. रिपोर्ट के अनुसार सीमा पार से गोलीबारी का यह ताजा दौर फरवरी 2021 में किए गए संघर्ष विराम समझौते को और कमजोर करता है, जिसे अब पाकिस्तान द्वारा 740 किलोमीटर लंबी एलओसी पर लगातार उल्लंघन के कारण काफी हद तक अप्रभावी माना जा रहा है. ताजा शत्रुता कश्मीर घाटी के उत्तरी जिलों कुपवाड़ा और बारामुल्ला में शुरू हुई, जो दक्षिण की ओर राजौरी, पुंछ, अखनूर और जम्मू जिले में अंतर्राष्ट्रीय सीमा के साथ परगवाल सेक्टर तक फैल गई. गोलीबारी ने पांच सीमावर्ती जिलों - बारामुल्ला, कुपवाड़ा, पुंछ, राजौरी और जम्मू को प्रभावित किया. पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में भारत द्वारा सिंधु जल संधि को निलंबित करने के कुछ घंटों बाद 24 अप्रैल की रात से, पाकिस्तानी सैनिकों ने कश्मीर घाटी से शुरू होकर जम्मू क्षेत्र तक विस्तार करते हुए एलओसी पर भारतीय ठिकानों को बार-बार निशाना बनाया है.
पाकिस्तान ने भारतीय विमानवाहकों के लिए अपने हवाई क्षेत्र को अवरुद्ध कर दिया, वाघा सीमा क्रॉसिंग को बंद कर दिया, द्विपक्षीय व्यापार को निलंबित कर दिया और चेतावनी दी कि सिंधु जल संधि के तहत पानी के किसी भी मोड़ को "युद्ध की कार्रवाई" माना जाएगा. फरवरी 2021 का समझौता मूल 2003 के युद्धविराम समझौते की पुष्टि करता है. पाकिस्तानी सेना द्वारा नियमित रूप से युद्धविराम मानदंडों का उल्लंघन किया जाता है. रिपोर्ट के मुताबिक भारत और पाकिस्तान 3,323 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करते हैं, जिसे तीन खंडों में विभाजित किया गया है, जिसमें अंतर्राष्ट्रीय सीमा (आईबी) शामिल है, जो गुजरात से जम्मू के अखनूर तक लगभग 2,400 किलोमीटर तक फैली हुई है, जम्मू से लद्दाख तक 740 किलोमीटर लंबी नियंत्रण रेखा (एलओसी) और 110 किलोमीटर लंबी वास्तविक ग्राउंड पोजिशन लाइन (एजीपीएल) जो सियाचिन ग्लेशियर क्षेत्र को एनजे9842 से इंदिरा कॉल तक विभाजित करती है.
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