Updated on: 17 October, 2024 05:32 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
पीसीबी चेयरमैन नकवी ने जयशंकर से चैंपियंस ट्रॉफी के लिए भारतीय टीम को पाकिस्तान भेजने की अपील की.
भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर की पाकिस्तानी विदेश मंत्री से मुलाकात की तस्वीर
एस जयशंकर शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने गए थे. इधर मौके का फायदा उठाते हुए पाकिस्तान के गृह मंत्री एस. जयशंकर से मुलाकात की. इसके बाद दावा किया जा रहा है कि उनके बीच क्रिकेट को लेकर बात हुई. पीसीबी चेयरमैन नकवी ने जयशंकर से चैंपियंस ट्रॉफी के लिए भारतीय टीम को पाकिस्तान भेजने की अपील की.
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पाकिस्तान के लिए ये बेहद मुश्किल वक्त है. उसका क्रिकेट बोर्ड चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के लिए स्टेडियम तैयार करने के लिए हजारों करोड़ रुपये खर्च कर रहा है, लेकिन अभी भी यह तय नहीं है कि भारतीय टीम पाकिस्तान का दौरा करेगी या नहीं. अगर भारतीय टीम पाकिस्तान का दौरा नहीं करती है तो पूरी संभावना है कि चैंपियंस ट्रॉफी एशिया कप की तरह हाइब्रिड मॉडल में खेली जाएगी. अगर ऐसा हुआ तो पाकिस्तान को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ेगा.
इस बीच शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन के बहाने पाकिस्तान को भारत के साथ क्रिकेट पर चर्चा करने का मौका मिल गया. जब भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर पाकिस्तान गए तो वहां पाकिस्तान के गृह मंत्री मोहसिन नकवी, जो पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के चेयरमैन भी हैं, उनसे मिलने पहुंचे. रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के लिए आवेदन किया है. उन्होंने सरकार से भारतीय टीम को पाकिस्तान दौरे की अनुमति देने का अनुरोध किया.
भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर और उनके पाकिस्तानी समकक्ष इशाक डार ने इस्लामाबाद में दो अलग-अलग मौकों पर अनौपचारिक बातचीत की. पाकिस्तान के सूचना मंत्री अताउल्लाह तरार ने कहा कि जयशंकर के इस्लामाबाद दौरे से रिश्तों पर जमी बर्फ पिघल गई है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के आवास पर एससीओ प्रतिनिधियों के लिए आयोजित रात्रिभोज के दौरान जयशंकर और डार के बीच एक अलग बैठक हुई.
उन्होंने बताया कि इस बैठक में पाकिस्तान के गृह मंत्री मोहसिन नकवी भी शामिल हुए. वह पीसीबी के अध्यक्ष भी हैं. खबर है कि पाकिस्तानी पक्ष ने अगले साल फरवरी में पाकिस्तान की मेजबानी में होने वाली आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी में भारत की भागीदारी का अनुरोध किया है. मीडिया में तरार के हवाले से कहा गया- न तो हमने और न ही उन्होंने द्विपक्षीय बैठक का अनुरोध किया... लेकिन मेरा मानना है कि उनका (जयशंकर का) यहां आना रिश्ते में नरमी लाने की दिशा में एक कदम है.
जहां तक क्रिकेट की बात है तो दोनों टीमों के बीच आखिरी द्विपक्षीय सीरीज 2012-13 में खेली गई थी, लेकिन उसके बाद से उनका क्रिकेट रिश्ता खत्म हो गया है. इसके पीछे की वजह पाकिस्तान का सीमा पर लगातार आतंकी गतिविधियों में शामिल रहना है. इसके अलावा कश्मीर मुद्दे और आतंकवाद के प्रति पाकिस्तान की सहनशीलता को लेकर भी दोनों पड़ोसी देशों के बीच रिश्ते तनावपूर्ण बने हुए हैं.
पुलवामा आतंकी हमले के जवाब में फरवरी 2019 में भारतीय युद्धक विमानों द्वारा पाकिस्तान के बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी प्रशिक्षण शिविर पर बमबारी के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध गंभीर रूप से तनावपूर्ण हो गए थे. पाकिस्तान के तत्कालीन विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी मई 2023 में गोवा में एससीओ देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में शामिल होने के लिए भारत आए थे. यह लगभग 12 वर्षों में किसी पाकिस्तानी विदेश मंत्री की पहली भारत यात्रा थी.
दरअसल, अगर भारतीय टीम पाकिस्तान दौरे पर नहीं जाती है तो उसे अरबों रुपये का आर्थिक नुकसान हो सकता है. इसके प्रायोजक और क्रिकेट प्रशंसक चाहते हैं कि टीम इंडिया किसी भी कीमत पर पाकिस्तान आए. मौजूदा दौर में पाकिस्तान में चाहे कितना भी बड़ा मैच हो, क्रिकेट स्टेडियम खाली ही रहते हैं. पीएसएल की हालत खराब है तो अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट भी संघर्ष कर रहा है. एशिया कप के दौरान खाली स्टेडियमों ने उन्हें उनकी औकात दिखा दी. किसी भी हालत में वह दोबारा उस स्थिति का सामना नहीं करना चाहता.
इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) के मुख्य कार्यकारी और अध्यक्ष रिचर्ड गोल्ड और रिचर्ड थॉम्पसन ने कहा कि अगर भारत पाकिस्तान का दौरा नहीं करता है तो "विभिन्न विकल्प" होंगे, जिससे हाइब्रिड मॉडल का उपयोग करने की संभावना बढ़ जाएगी. हालांकि, उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत की भागीदारी के बिना चैंपियंस ट्रॉफी क्रिकेट के हित में नहीं होगी.
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