Updated on: 08 May, 2025 06:53 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा जारी एक बयान में कहा गया कि बैठक के दौरान जिन मुद्दों पर चर्चा की गई, उनमें नागरिक सुरक्षा तंत्र को मजबूत करना और महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे की सुरक्षा सुनिश्चित करना शामिल था.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी. तस्वीर/पीटीआई
`ऑपरेशन सिंदूर` के मद्देनजर धानमंत्री नरेंद्र मोदी ने, गुरुवार को विभिन्न मंत्रालयों के सचिवों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की और राष्ट्रीय सुरक्षा और परिचालन तैयारियों के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हुए निरंतर सतर्कता और स्पष्ट संचार का आह्वान किया. एक न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) द्वारा जारी एक बयान में कहा गया कि बैठक के दौरान जिन मुद्दों पर चर्चा की गई, उनमें नागरिक सुरक्षा तंत्र को मजबूत करना, गलत सूचना और फर्जी खबरों का मुकाबला करने के प्रयास और महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे की सुरक्षा सुनिश्चित करना शामिल था.
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रिपोर्ट के मुताबिक इसमें कहा गया कि मंत्रालयों को राज्य के अधिकारियों और जमीनी स्तर के संस्थानों के साथ घनिष्ठ समन्वय बनाए रखने की भी सलाह दी गई. उच्च स्तरीय बैठक, जिसमें भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों और विभागों के सचिव शामिल थे, ने राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित हाल के घटनाक्रमों के मद्देनजर राष्ट्रीय तैयारियों और अंतर-मंत्रालयी समन्वय की समीक्षा की.
बयान में कहा गया कि पीएम मोदी ने परिचालन निरंतरता और संस्थागत लचीलेपन को बनाए रखने के लिए मंत्रालयों और एजेंसियों के बीच निर्बाध समन्वय की आवश्यकता पर बल दिया. रिपोर्ट के अनुसार, "प्रधानमंत्री ने राष्ट्र के संवेदनशील दौर से गुज़रने के दौरान निरंतर सतर्कता, संस्थागत तालमेल और स्पष्ट संचार का आह्वान किया. उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा, परिचालन तैयारियों और नागरिक सुरक्षा के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता की पुष्टि की."
यह बैठक भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में नौ आतंकी ठिकानों पर मिसाइल हमले करने के एक दिन बाद हुई, जिसमें जैश-ए-मोहम्मद का गढ़ बहावलपुर और लश्कर-ए-तैयबा का अड्डा मुरीदके शामिल है. रिपोर्ट के मुताबिक जम्मू और कश्मीर के पहलगाम में 26 नागरिकों के नरसंहार के दो सप्ताह बाद `ऑपरेशन सिंदूर` के तहत सैन्य हमले किए गए. बैठक के दौरान, पीएम मोदी ने मौजूदा स्थिति से निपटने के लिए मंत्रालयों द्वारा की गई योजना और तैयारी की समीक्षा की.
बयान में कहा गया है कि सचिवों को अपने-अपने मंत्रालय के संचालन की व्यापक समीक्षा करने और आवश्यक प्रणालियों के पूर्ण-सुरक्षित कामकाज को सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है, जिसमें तत्परता, आपातकालीन प्रतिक्रिया और आंतरिक संचार प्रोटोकॉल पर विशेष ध्यान दिया गया है. इसमें कहा गया है कि सचिवों ने मौजूदा स्थिति में `पूरी सरकार` के दृष्टिकोण के साथ अपनी योजना का विवरण दिया. सभी मंत्रालयों ने संघर्ष के संबंध में अपनी कार्रवाई की पहचान की है और प्रक्रियाओं को मजबूत कर रहे हैं. बयान में कहा गया है कि मंत्रालय सभी तरह की उभरती स्थितियों से निपटने के लिए तैयार हैं. बैठक में कैबिनेट सचिव, प्रधानमंत्री कार्यालय के वरिष्ठ अधिकारी और रक्षा, गृह, विदेश, सूचना एवं प्रसारण, बिजली, स्वास्थ्य और दूरसंचार सहित प्रमुख मंत्रालयों के सचिव शामिल हुए.
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