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किडनैप युवक को पुलिस ने अलग अंदाज में किया रेस्क्यू, देखें वीडियो

Updated on: 28 August, 2024 09:05 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent | hmddigital@mid-day.com

इस आश्चर्यजनक बचाव पर उनकी प्रतिक्रिया ऑनलाइन वायरल हो गई है.

वायरल वीडियो का स्क्रीन शॉट (छवि सौजन्य सोशल मीडिया)

वायरल वीडियो का स्क्रीन शॉट (छवि सौजन्य सोशल मीडिया)

राजस्थान के नाहरगढ़ किले के पास से 18 अगस्त को किडनैप हुए एक शख्स का मामला जयपुर पुलिस ने मंगलवार को सुलझा लिया. एक रिपोर्ट में कहा गया है कि पीड़ित अनुज को ऑपरेशन चेकमेट के तहत हिमाचल प्रदेश के एक होटल में खोजा गया था. इस आश्चर्यजनक बचाव पर उनकी प्रतिक्रिया ऑनलाइन वायरल हो गई है. सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से साझा किए गए सीसीटीवी फुटेज से पता चलता है कि जब जयपुर पुलिस टीम ने संपत्ति पर छापा मारा तो अनुज हिमाचल प्रदेश के सोलन में एक होटल में सोते हुए पाया गया. वीडियो में पुलिस को यह कहते हुए सुना जा सकता है, "अनुज, अनुज.. उठो," और बिस्तर पर सो रहा व्यक्ति भ्रमित होकर उठता है और उसकी उलझन को महसूस करते हुए पुलिस उसकी पहचान करती है.

वीडियो में आगे अनुज यह कहते हुए सुनाई दे रहे हैं, "शांत रहिए, हम पुलिस हैं, हैलो." जब अनुज इस शोर से जागता है, तो कुछ होश आता है और वह पुलिस वाले की ओर हाथ हिलाता है जो चेहरे पर मुस्कान के साथ कमरे में आया था. पुलिस ने किडनैप पीड़ित से कहा, ``जयपुर पुलिस आपके लिए आई है.`` एक अन्य रिपोर्ट के मुताबिक, अनुज मूल रूप से जयपुर के ब्रह्मपुरी इलाके का रहने वाला है. 18 अगस्त को दोस्त सोनी के साथ नाहरगढ़ पहाड़ी के पास घूमते समय उसका अपहरण कर लिया गया था. इस मामले में पता चला कि कुछ लोगों ने अनुज के कपड़े देखकर यह तय कर लिया कि वह एक अमीर परिवार से है. उन्होंने उसके मुंह पर टेप लगा दिया, उसके हाथ-पैर बांध दिए और उसे मौके से अगवा कर लिया. उसे कार में डाल लिया और उसकी सहेली सोनी को सड़क पर फेंक दिया.



जब अनुज घर नहीं लौटा, तो उसके परिवार ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई और उसका पता लगाने के लिए खोज टीमों को तैनात किया गया, जब उसके माता-पिता को 20 लाख रुपये की फिरौती का फोन आया. जब कॉल की सूचना पुलिस को दी गई तो उन्होंने फोन नंबर को ट्रैक करने की कोशिश की. हालांकि, सफलता तब मिली जब अपहरणकर्ताओं ने अनुज के परिवार से पैसे एक बैग में रखकर धरमपुर रेलवे स्टेशन के पास फेंकने के लिए कहा. 


पुलिस ने पैसे का बैग वापस पाने के लिए नियुक्त साथी का इंतजार किया, उस पर आरोप लगाया और पीड़ित के ठिकाने के बारे में उससे पूछताछ की. पूछताछ उन्हें सोलन ले गई, जहां अनुज को कैद में रखा गया था. पुलिस के मुताबिक, वीरेंद्र सिंह नाम के एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर की पहचान पूरी साजिश के मास्टरमाइंड के रूप में की गई.

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