Updated on: 10 September, 2025 08:45 AM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत के ‘नेपाल जैसी स्थिति भारत में भी हो सकती है’ वाले बयान पर सियासी बवाल मच गया है.
X/Pics, Keshav Upadhye
नेपाल की स्थिति पर शिवसेना (यूबीटी) के राज्यसभा सांसद संजय राउत की टिप्पणी ने महाराष्ट्र की राजनीति में नया तूफ़ान खड़ा कर दिया है. दरअसल, मंगलवार (9 सितंबर) को राउत ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा था, “सावधान, नेपाल जैसी स्थिति किसी भी देश में हो सकती है. वंदे भारत.” उनके इस बयान ने न केवल सोशल मीडिया पर हलचल मचाई, बल्कि भाजपा नेताओं ने भी इसे कड़ा आघात मानते हुए पलटवार किया.
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भाजपा प्रवक्ता केशव उपाध्ये ने संजय राउत पर सीधा निशाना साधते हुए एक्स पर लंबा पोस्ट जारी किया. उपाध्ये ने कहा कि राउत का बयान इस बात का प्रमाण है कि मालदीव, श्रीलंका, पाकिस्तान, बांग्लादेश, इंडोनेशिया और अब नेपाल में हिंसक अराजकता फैलाने वाली प्रवृत्तियाँ भारत में भी वैसा ही माहौल बनाने को आतुर हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्षी दल लगातार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के प्रति नफरत को इस हद तक बढ़ा चुके हैं कि अब यह नफरत देश के खिलाफ़ जहर उगलने तक पहुँच चुकी है.
मालदीव, श्रीलंका, पाकिस्तान, बांगलादेश, इंडोनेशिया आणि आता नेपाळमध्ये हिंसक अराजकता माजविणाऱ्या प्रवृत्तींची भारतातील पिलावळ या देशातही असाच उद्रेक घडवण्यासाठी किती उतावीळ आहे, याचा हा पुरावा! @rautsanjay61 व अन्य विरोधी मंडळीचा, भाजपा- मोदी द्वेष आता भारतद्वेषाच्या धारदार सीमेला… pic.twitter.com/z9PFlgP1jc
— Keshav Upadhye (@keshavupadhye) September 10, 2025
संजय राउत को सीधे टैग करते हुए उपाध्ये ने लिखा, “यह पिलावली अब तक देश को अस्थिर करने, लोकतांत्रिक संस्थाओं को बदनाम करने और समाज में असंतोष फैलाने की माओवादी नक्सली मानसिकता का परिचय देती रही है. अब वह भारत की तुलना नेपाल से कर रहे हैं, जो बेहद गैरजिम्मेदाराना है.”
भाजपा नेता ने आगे कहा कि राउत जैसे नेता केवल “बातूनी कठपुतली” हैं. देश की जड़ें गहरी हैं और यह राष्ट्र कट्टर राष्ट्रवादियों, धार्मिक मूल्यों और समृद्ध संस्कृति का वारिस है. ऐसे में, जल्दबाज़ और अवसरवादी नेताओं की चुगलखोरी यहाँ टिक नहीं सकती.
उपाध्ये ने कांग्रेस पर भी हमला बोलते हुए याद दिलाया कि आपातकाल के समय देश के लोकतंत्र को कुचलने की कोशिश की गई थी. लेकिन भारत की जनता ने ऐसे कदमों को कभी बर्दाश्त नहीं किया और लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा की. उन्होंने कहा, “भारत के अडिग लोकतंत्र और भारतीय सेना की ताक़त पर भरोसा करने वाले देशभक्त लोग दुश्मनों की नींद हराम कर देते हैं. जो लोग आग से खेलने की कोशिश करते हैं, जनता उन्हें राख कर देती है. इतिहास गवाह है और यह फिर साबित होगा.”
राउत के बयान और भाजपा की कड़ी प्रतिक्रिया के बाद अब यह मुद्दा महाराष्ट्र की सियासत में गरम बहस का केंद्र बन गया है. आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि विपक्षी खेमे से इस पर क्या जवाब सामने आता है.
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