बीएमसी के अधिकारियों के अनुसार, मुंबई में कुल 44 कबूतरखाने हैं. इनमे से ‘पी नॉर्थ’ और ‘पी ईस्ट’ वार्ड में सबसे ज्यादा पांच-पांच कबूतरखाने हैं, जबकि ‘के वेस्ट’ और ‘डी’ वार्ड में चार-चार कबूतरखाने स्थित हैं. (PIC/ASHISH RAJE)
इन कबूतरखानों की संख्या और उनकी स्थिति पर नगर निगम की नियमित निगरानी रहती है. बीएमसी का उद्देश्य इन संरचनाओं को सुरक्षित रखना और शहर के नागरिकों के लिए साफ-सुथरा वातावरण सुनिश्चित करना है.
बीएमसी ने पिछले कुछ महीनों में विभिन्न वार्डों में कबूतरखानों की सफ़ाई और सुरक्षा के लिए कई पहल की हैं. प्लास्टिक शीट से ढके जाने के बाद न केवल कबूतरों की संख्या पर नियंत्रण पाया गया है, बल्कि आसपास के इलाके में गंदगी और बीमारियों के फैलने की संभावना भी कम हुई है. नगर निगम अधिकारियों का मानना है कि यह कदम न केवल पर्यावरण के लिए बल्कि लोगों के स्वास्थ्य और सार्वजनिक स्वच्छता के लिए भी आवश्यक था.
विशेषज्ञों का कहना है कि शहर में कबूतरों की संख्या पर नियंत्रण रखना चुनौतीपूर्ण कार्य है, क्योंकि यह सीधे तौर पर उनके भोजन और आवास से जुड़ा होता है.
बीएमसी के अनुसार, भविष्य में और अधिक निगरानी, नियमित सफ़ाई और उचित प्रबंधन के माध्यम से इन कबूतरखानों का संतुलित संचालन सुनिश्चित किया जाएगा. इस तरह की कार्रवाई से यह संदेश जाता है कि शहर में पारिस्थितिक संतुलन और सार्वजनिक स्वच्छता को बनाए रखना नगर निगम की प्राथमिकता है.
दादर कबूतरखाना में हाल ही में की गई कार्रवाई ने यह भी साबित किया कि कानूनी आदेशों और उचित नगर प्रशासन के माध्यम से शहर में स्वास्थ्य, सफाई और पर्यावरणीय नियंत्रण सुनिश्चित किया जा सकता है.
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