Updated on: 30 December, 2024 03:48 PM IST | mumbai
Ujwala Dharpawar
बीजेपी विधायक सुरेश धस द्वारा एक सार्वजनिक सभा में की गई टिप्पणी, जिसमें अभिनेत्री प्राजक्ता माली का जिक्र था, विवादों में घिर गई है.
X/Pics, CMO Maharashtra
हाल ही में बीजेपी विधायक सुरेश धस ने एक सार्वजनिक सभा में मंत्री धनंजय मुंडे पर निशाना साधते हुए अपनी टिप्पणी में अभिनेत्रियों प्राजक्ता माली, रश्मिका मंदाना और सपना चौधरी का जिक्र किया, जो विवाद का कारण बन गई. इस बयान पर अभिनेत्री प्राजक्ता माली ने नाराजगी जाहिर करते हुए इसे अपने सम्मान को ठेस पहुंचाने वाला बताया. प्राजक्ता माली ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए राज्य महिला आयोग में शिकायत दर्ज कराई. उन्होंने आरोप लगाया कि विधायक का बयान न केवल अस्वीकार्य है, बल्कि महिलाओं के प्रति असम्मानजनक भी है. इसके साथ ही उन्होंने अपने खिलाफ सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही आपत्तिजनक सामग्री की शिकायत भी की.
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT
अभिनेत्री प्राजक्ता माळी यांनी आज मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस यांची सागर निवासस्थानी भेट घेतली आणि निवेदन दिले.
— CMO Maharashtra (@CMOMaharashtra) December 29, 2024
त्यांच्या सन्मानाला बाधा येईल, असे कुठलेही कृत्य खपवून घेणार नाही आणि त्यावर कारवाई केली जाईल, असे मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस यांनी त्यांना आश्र्वस्त केले.… pic.twitter.com/52M7I8lowk
रविवार को प्राजक्ता माली ने मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस से उनके सागर स्थित सरकारी आवास पर मुलाकात की. इस मुलाकात में उन्होंने अपनी चिंता और शिकायतों को मुख्यमंत्री के समक्ष रखा. मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर इसकी जानकारी साझा की. बयान के अनुसार, मुख्यमंत्री फड़णवीस ने प्राजक्ता माली को आश्वासन दिया कि उनके सम्मान और गरिमा को ठेस पहुंचाने वाली हरकतों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
प्राजक्ता ने मुख्यमंत्री से यह भी शिकायत की कि कुछ लोग यूट्यूब और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर उनके खिलाफ आपत्तिजनक वीडियो प्रसारित कर रहे हैं. मुख्यमंत्री फड़णवीस ने इस पर भी उचित कार्रवाई करने और दोषियों को सजा दिलाने का आश्वासन दिया.
इस घटना ने महिलाओं के सम्मान और सुरक्षा के मुद्दे को एक बार फिर से चर्चा में ला दिया है. जहां एक ओर प्राजक्ता माली की इस कदम की सराहना हो रही है, वहीं दूसरी ओर विधायक सुरेश धस के बयान की निंदा की जा रही है.
यह मामला दिखाता है कि सार्वजनिक जीवन में जिम्मेदार पदों पर बैठे व्यक्तियों को अपने शब्दों और बयानों के प्रति सतर्क रहना चाहिए, ताकि वे समाज में गलत संदेश न फैलाएं. मुख्यमंत्री का सख्त रुख इस प्रकार के मामलों में त्वरित न्याय की उम्मीद जगाता है.
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT