Updated on: 06 January, 2025 09:18 AM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
BPSC अभ्यर्थियों की मांगों के समर्थन में भूख हड़ताल पर बैठे प्रशांत किशोर को पुलिस ने सोमवार सुबह गिरफ्तार कर लिया. स्वास्थ्य बिगड़ने की डॉक्टर्स की चेतावनी के बाद प्रशासन ने यह कदम उठाया.
प्रशांत किशोर और उनकी टीम ने साफ किया है कि बीपीएससी अभ्यर्थियों के समर्थन में उनकी लड़ाई जारी रहेगी.
प्रशांत किशोर, जो बीपीएससी अभ्यर्थियों की मांगों के समर्थन में भूख हड़ताल पर बैठे थे, को सोमवार, 6 जनवरी की सुबह पटना पुलिस ने हिरासत में लेने के बाद गिरफ्तार कर लिया. पटना जिला प्रशासन के अनुसार, उन्हें उनके स्वास्थ्य को देखते हुए यह कदम उठाना पड़ा. प्रशांत किशोर को हिरासत में लेने के बाद इलाज के लिए पटना एम्स में भर्ती कराया गया.
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प्रशांत किशोर बीपीएससी (बिहार लोक सेवा आयोग) अभ्यर्थियों की मांगों को लेकर पिछले कुछ दिनों से भूख हड़ताल पर थे. इन अभ्यर्थियों का आरोप है कि बीपीएससी की परीक्षाओं में अनियमितताएं हुई हैं, जिससे हजारों छात्र प्रभावित हुए हैं. उनकी मांग थी कि परीक्षा प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया जाए और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए.
प्रशांत किशोर ने अभ्यर्थियों की आवाज को सरकार तक पहुंचाने के लिए इस हड़ताल का सहारा लिया था. उन्होंने प्रशासन और राज्य सरकार पर छात्रों की समस्याओं को अनदेखा करने का आरोप लगाया.
पुलिस ने लिया हिरासत में
प्रशासन के अनुसार, भूख हड़ताल के दौरान प्रशांत किशोर की सेहत बिगड़ने लगी थी. पुलिस ने सोमवार तड़के सुबह करीब 4 बजे उन्हें उनके धरना स्थल से हिरासत में लिया. पुलिस का कहना है कि यह कदम उनकी जान बचाने के लिए उठाया गया. इसके बाद उन्हें एम्स, पटना में भर्ती कराया गया.
प्रशांत किशोर की टीम का आरोप
प्रशांत किशोर की टीम ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उन्हें जबरन धरना स्थल से उठाया और प्रदर्शनकारियों को जानकारी दिए बिना ले जाया गया. उन्होंने इसे लोकतांत्रिक अधिकारों का उल्लंघन बताया. इस घटना के बाद प्रदर्शनकारी पटना एम्स के बाहर जमा हो गए और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की.
एम्स के बाहर प्रदर्शन
एम्स के बाहर प्रदर्शनकारियों का जमावड़ा बढ़ता गया. प्रदर्शनकारियों ने प्रशांत किशोर की जल्द रिहाई और बीपीएससी अभ्यर्थियों की मांगों को पूरा करने की मांग की. स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस की तैनाती बढ़ा दी गई.
प्रशासन का पक्ष
पटना जिला प्रशासन का कहना है कि प्रशांत किशोर की सेहत को देखते हुए उन्हें हिरासत में लिया गया और इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया. प्रशासन ने यह भी कहा कि अभ्यर्थियों की मांगों पर विचार किया जा रहा है और उनके मुद्दों को सुलझाने की प्रक्रिया जारी है.
आगे की रणनीति
प्रशांत किशोर और उनकी टीम ने साफ किया है कि बीपीएससी अभ्यर्थियों के समर्थन में उनकी लड़ाई जारी रहेगी. टीम ने सरकार से अपील की है कि वह छात्रों की मांगों को प्राथमिकता देते हुए जल्द समाधान निकाले.
यह घटना बिहार की राजनीति और प्रशासनिक प्रक्रियाओं में पारदर्शिता की मांग को लेकर एक बार फिर सवाल खड़े करती है. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि वे तब तक शांत नहीं बैठेंगे, जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं.
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