Updated on: 18 May, 2024 02:40 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
पहला फर्जी कॉल सेंटर एसएएस नगर के सेक्टर 74 के प्लॉट में स्थित था, जबकि, दूसरा फर्जी कॉल सेंटर एसएएस नगर के सेक्टर 74 के ए-वन टॉवर में स्थापित किया गया था.
रिप्रेजेंटेटिव इमेज/आईस्टॉक
पंजाब के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) गौरव यादव ने शुक्रवार को यहां घोषणा की कि पंजाब पुलिस के साइबर अपराध प्रभाग ने मोहाली में चल रहे दो फर्जी कॉल सेंटरों पर छापा मारा है और संयुक्त राज्य अमेरिका में रहने वाले व्यक्तियों को धोखा देने और फर्जी कॉल करने के आरोप में उनके 155 कर्मचारियों को हिरासत में लिया है. एक न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार पहला फर्जी कॉल सेंटर एसएएस नगर के सेक्टर 74 के प्लॉट में स्थित था, जबकि, दूसरा फर्जी कॉल सेंटर एसएएस नगर के सेक्टर 74 के ए-वन टॉवर में स्थापित किया गया था. ऐसा प्रतीत होता है कि दोनों सेंटर गुजरात स्थित सरगनाओं द्वारा चलाए जा रहे थे.
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रिपोर्ट के मुताबिक डीजीपी गौरव के अनुसार प्रारंभिक जांच से पता चला है कि नकली कॉल सेंटर रात में खुले थे, और कॉल करने वाले विदेशी नागरिकों को टारगेट, ऐप्पल, अमेज़ॅन आदि स्थानों से गिफ्ट कार्ड खरीदने के लिए तीन अलग-अलग तरीकों का उपयोग कर रहे थे. उनके अनुसार टीम मैनेजर द्वारा इन उपहार कार्डों को साझा करने के बाद मालिक इन उपहार कार्डों को भुना लेता है.
एडीजीपी साइबर क्राइम वी. नीरजा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि विदेशों में रहने वाले विदेशी नागरिकों को निशाना बनाने वाले फर्जी कॉल सेंटरों के बारे में इंस्पेक्टर गगनप्रीत सिंह और दलजीत सिंह ने अपनी टीम के साथ साइबर क्राइम की डिजिटल जांच प्रशिक्षण और विश्लेषण केंद्र (डीआईटीएसी) लैब के तकनीकी सहयोग से जानकारी इकट्ठा की थी. रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने कहा कि स्थानों पर ध्यान केंद्रित करने के बाद, एसपी साइबर क्राइम जशनदीप सिंह की देखरेख में डीएसपी प्रभजोत कौर के नेतृत्व में पुलिस टीमों ने मंगलवार और बुधवार की मध्यरात्रि को दोनों फर्जी कॉल सेंटरों पर छापा मारा और सभी 155 कर्मचारियों को गिरफ्तार कर लिया, जो डायलर, क्लोजर, बैंकर और फ्लोर मैनेजर के रूप में काम कर रहे थे. हालांकि, दोनों सरगना फरार हैं और पुलिस टीमें उन्हें पकड़ने के लिए काम कर रही हैं.
ग्राहक सेवा प्रशिक्षण के लिए स्क्रिप्ट के अलावा, उन्होंने कहा कि पुलिस टीमों को 204 लैपटॉप, 79 डेस्कटॉप कंप्यूटर, मोबाइल फोन और अन्य सहायक उपकरण भी मिले हैं. रिपोर्ट के मुताबिक एडीजीपी वी नीरजा के अनुसार, हिरासत में लिए गए 155 लोगों में से 18 कर्मचारियों को पुलिस रिमांड में रखा गया था, और शेष हिरासत में लिए गए सभी व्यक्तियों को न्यायिक रिमांड में रखा गया था. उन्होंने कहा कि धोखाधड़ी की पूरी राशि निर्धारित करने के लिए और अधिक पूछताछ चल रही है और अगले कुछ दिनों में और अधिक आशंकाएं होने की आशंका है. पुलिस स्टेशन राज्य साइबर अपराध सेल में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 419, 420, 467, 468, 471 और 120बी और सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) अधिनियम की धारा 66सी और 66डी के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है.
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