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हिमाचल प्रदेश में बारिश का कहर, 170 लोगों की मौत

Updated on: 31 July, 2025 04:30 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent | hmddigital@mid-day.com

राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र, गुरुवार सुबह 10 बजे तक, भारी बारिश के कारण कुल 301 सड़कें अवरुद्ध हो गईं.

अधिकारी अलर्ट पर हैं और समय पर बचाव और राहत कार्यों के लिए संवेदनशील क्षेत्रों में आपदा प्रतिक्रिया दल तैनात किए गए हैं. फ़ाइल चित्र

अधिकारी अलर्ट पर हैं और समय पर बचाव और राहत कार्यों के लिए संवेदनशील क्षेत्रों में आपदा प्रतिक्रिया दल तैनात किए गए हैं. फ़ाइल चित्र

हिमाचल प्रदेश में लगातार हो रही बारिश ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है, जिससे कई जिलों में बुनियादी ढाँचे को भारी नुकसान पहुँचा है और लोगों की जान भी गई है. एक न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (एसईओसी) के अनुसार, गुरुवार सुबह 10 बजे तक, भारी बारिश के कारण कुल 301 सड़कें अवरुद्ध हो गईं, 436 बिजली वितरण ट्रांसफार्मर निष्क्रिय पाए गए और 254 जलापूर्ति योजनाएँ बाधित हुईं. 

रिपोर्ट के मुताबिक 20 जून को मानसून की शुरुआत के बाद से, कुल 170 लोगों की जान जा चुकी है. इनमें से 94 मौतें भूस्खलन, अचानक बाढ़, बादल फटने और बिजली के झटके जैसी वर्षाजनित आपदाओं से जुड़ी थीं. एसईओसी के संचयी आँकड़ों के अनुसार, शेष 76 मौतें सड़क दुर्घटनाओं के कारण हुईं. सार्वजनिक सेवाओं के ठप होने का मुख्य कारण पिछले 24 घंटों में हुई भारी बारिश को बताया गया है, जिसने मौजूदा संकट को और बढ़ा दिया है. मंडी ज़िले में सबसे ज़्यादा 193 सड़कें बंद हुईं, उसके बाद कुल्लू में 47 और चंबा में 25 सड़कें बंद हुईं. कुल्लू और चंबा में क्रमशः 134 और 142 ट्रांसफार्मर प्रभावित होने के कारण सबसे ज़्यादा बिजली आपूर्ति बाधित हुई. 


इस बीच, 20 जून से अब तक कुल 170 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें मौसम संबंधी घटनाओं में 94 और यातायात दुर्घटनाओं में 76 मौतें शामिल हैं. एसईओसी ने निवासियों को सतर्क रहने और बेहद ज़रूरी न होने पर यात्रा करने से बचने की सलाह दी है, खासकर भूस्खलन और अचानक बाढ़ की आशंका वाले इलाकों में. मरम्मत और बहाली के प्रयास जारी हैं, लेकिन लगातार बारिश के कारण पुनर्निर्माण कार्य में बाधा आ रही है. रिपोर्ट के अनुसार एसईओसी की एक पिछली रिपोर्ट में मानसून के कारण हुए व्यापक नुकसान का खुलासा किया गया था, जिसमें 1,59,981 लाख रुपये से अधिक की संपत्ति का नुकसान हुआ था. इसके अतिरिक्त, 2,743 हेक्टेयर कृषि भूमि क्षतिग्रस्त हुई है, 680 घर नष्ट हुए हैं, और 22,900 से अधिक पशुधन मारे गए हैं, एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार.


राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एसडीएमए) आवश्यक सेवाओं की बहाली और सड़कों की सफाई में तेज़ी लाने के लिए स्थानीय निकायों के साथ लगातार संपर्क में है. और अधिक बारिश की आशंका के चलते, अधिकारी जनता से, खासकर भूस्खलन संभावित क्षेत्रों में, अत्यधिक सावधानी बरतने का आग्रह कर रहे हैं. आपातकालीन प्रतिक्रिया दल (एआरएफ) को बचाव और राहत कार्यों में सहायता के लिए महत्वपूर्ण क्षेत्रों में तैनात किया गया है ताकि आगे मौसम संबंधी आपात स्थितियों में समय पर हस्तक्षेप सुनिश्चित किया जा सके. रिपोर्ट के मुताबिक हिमाचल के कुल्लू ज़िले में अकेले मानसून की शुरुआत से अब तक 48 करोड़ रुपये से अधिक का वित्तीय नुकसान हुआ है. एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, उपायुक्त तोरुल एस रवीश ने पुष्टि की है कि इस क्षेत्र में अब तक 17 लोगों की मौत हो चुकी है.


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