Updated on: 10 March, 2025 06:47 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
मनसे के 19 साल पूरे होने के मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम में ठाकरे ने यह विवादित टिप्पणी की.
राज ठाकरे (फाइल फोटो)
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे ने हाल ही में प्रयागराज में संपन्न हुए महाकुंभ पर विवादित बयान दिया है. उन्होंने गंगा नदी की स्वच्छता पर सवाल उठाया है. उन्होंने आरोप लगाया कि देश की कोई भी नदी साफ नहीं है. मनसे के 19 साल पूरे होने के मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम में ठाकरे ने यह विवादित टिप्पणी की.
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मनसे प्रमुख ने कहा कि उनकी पार्टी के नेता बाला नंदगांवकर महाकुंभ से पवित्र जल लाए थे, लेकिन उन्होंने इसे पीने से इनकार कर दिया. राज ठाकरे ने कहा, ``मैंने सोशल मीडिया पर गंगा नदी की स्थिति के बारे में कई वीडियो देखे हैं. मैंने कुछ लोगों को अपना शरीर खुजलाते और नदी में नहाते हुए भी देखा.” राज ठाकरे ने दावा किया कि देश की कोई भी नदी साफ नहीं है.
उन्होंने कहा, ``जब से राजीव गांधी प्रधानमंत्री थे, मैं यह दावा सुनता आ रहा हूं कि गंगा जल्द ही साफ हो जाएगी.`` अब इस मिथक से बाहर आने का समय है. उन्होंने कहा कि लोगों को अंधविश्वास से बाहर आना चाहिए. मैं उस गंगा के गंदे पानी को नहीं छू सकता जहाँ करोड़ों लोगों ने स्नान किया है. ठाकरे ने सवाल किया, ``अगर लोग प्रयागराज जाएं और गंगा में स्नान करके अपने पापों का प्रायश्चित करें, तो क्या वे वास्तव में अपने पापों से मुक्त हो सकते हैं.`` उन्होंने कहा कि अब आप आस्था और अंधविश्वास के बीच का अंतर समझ गए हैं.
राज ठाकरे ने कहा कि मुद्दा नदी के पानी को साफ करने का है. उन्होंने कहा, ``हमारे देश में कोई भी नदी साफ नहीं है, फिर भी हम इन नदियों को मां मानते हैं.`` विदेशों में नदियां साफ हैं, लेकिन वहां नदियों को मां नहीं कहा जाता. यहां लोग नदियों में नहाते हैं, कपड़े धोते हैं और जो चाहें करते हैं. यह कितना उचित है? मानस प्रमुख ने कोरोना काल का जिक्र करते हुए कहा, ``कोविड तो आ ही गया था. 2 साल से लोग फेस मास्क पहनकर घूम रहे थे. अब मैं वहां जाकर नहा रहा हूं. कौन जाकर उस गंगा में कूदेगा. भक्ति का भी एक अर्थ होना चाहिए.
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