Updated on: 06 June, 2025 07:29 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
बेंगलुरु पुलिस ने क्राइम ब्रांच के साथ मिलकर सोसले को गिरफ्तार करने के लिए एक संयुक्त अभियान चलाया. उन्हें कथित तौर पर मुंबई जाने की कोशिश करते समय बेंगलुरु हवाई अड्डे पर हिरासत में लिया गया.
फाइल फोटो/पीटीआई
रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (आरसीबी) के मार्केटिंग और रेवेन्यू हेड निखिल सोसले को बुधवार शाम चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर हुई भगदड़ के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया है. इस दुखद घटना में 11 लोगों की मौत हो गई और 50 से अधिक लोग घायल हो गए. एक न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार बेंगलुरु पुलिस ने क्राइम ब्रांच के साथ मिलकर सोसले को गिरफ्तार करने के लिए एक संयुक्त अभियान चलाया. उन्हें कथित तौर पर मुंबई जाने की कोशिश करते समय बेंगलुरु के केम्पेगौड़ा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर हिरासत में लिया गया.
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रिपोर्ट के मुताबिक सोसले के साथ इवेंट मैनेजमेंट कंपनी डीएनए एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड के दो अधिकारी - सुनील मैथ्यू और किरण कुमार - को भी हिरासत में लिया गया. तीनों को आरसीबी टीम द्वारा आयोजित आईपीएल जीत के जश्न के दौरान योजना और भीड़ प्रबंधन में चूक के लिए जिम्मेदार ठहराया जा रहा है.
बेंगलुरु के पुलिस आयुक्त सीमांत कुमार सिंह ने पुष्टि की कि भगदड़ मामले के सिलसिले में कुछ गिरफ्तारियां की गई हैं. रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने कहा, "कुछ गिरफ्तारियां हुई हैं. हमारी टीमें मामले को बहुत गंभीरता से ले रही हैं और आखिरकार मामला सीआईडी के पास जाना है. इसलिए सीआईडी के पास जाने से पहले हमारी टीम को जो भी कानूनी औपचारिकताएं करनी हैं, वे कर रही हैं." सूत्रों ने बताया कि उन्हें पूछताछ के लिए कब्बन पार्क पुलिस स्टेशन लाया गया. उन्होंने कहा कि मेडिकल जांच के बाद आगे की प्रक्रिया अपनाई जाएगी. गुरुवार को आरसीबी, डीएनए एंटरटेनमेंट और कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ (केएससीए) के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई. पुलिस सूत्रों के अनुसार, केएससीए के सचिव और कोषाध्यक्ष फिलहाल लापता हैं.
अधिकारी उनके घर गए, लेकिन उनका पता नहीं चल सका. घटना के बाद कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को तत्काल कार्रवाई करने का निर्देश दिया. रिपोर्ट के मुताबिक सीएम सिद्धारमैया ने केएससीए की गहन जांच के भी आदेश दिए हैं. उन्होंने कहा कि कार्यक्रम को जिस तरह से संभाला गया, उसमें "गैरजिम्मेदारी" और "लापरवाही" दिखाई दी. इस बीच शुक्रवार को कर्नाटक उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की.
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