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किसानों के लिए रोहित पवार ने शुरू किया आंदोलन, देहू में भूख हड़ताल, सरकार से ऋण माफी लागू करने की अपील

Updated on: 20 October, 2025 01:07 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent | hmddigital@mid-day.com

महाराष्ट्र में किसानों के आर्थिक संकट को लेकर एनसीपी (सपा) विधायक रोहित पवार ने देहू में सांकेतिक भूख हड़ताल शुरू की है. उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि वह किसानों की समस्याओं और संतों के विचारों की अनदेखी कर रही है.

X/Pics, Rohit Pawar

X/Pics, Rohit Pawar

महाराष्ट्र में किसानों की कर्जमाफी की मांग को लेकर एनसीपी (सपा) विधायक रोहित पवार ने देहू में सांकेतिक भूख हड़ताल शुरू कर दी है. उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि वह किसानों की समस्याओं और संतों द्वारा दिए गए विचारों की अनदेखी कर रही है और समाज पर एक अलग मानसिकता थोपने का प्रयास कर रही है. पवार ने कहा कि यह समय किसानों और खेतिहर मजदूरों के लिए गंभीर वित्तीय संकट का है, जिसे तत्काल हल करने की आवश्यकता है.

विधायक ने संत तुकाराम महाराज के उदाहरण को याद दिलाया, जिन्होंने मानवता के नाम पर अपने साहूकार के बही-खाते को इंद्रायणी नदी में विसर्जित कर दुनिया की पहली ऋण माफी लागू की थी. रोहित पवार ने कहा कि महा विकास अघाड़ी सरकार ने उस समय सामान्य ऋण माफी लागू की थी, लेकिन वर्तमान सरकार किसानों की समस्याओं पर ध्यान नहीं दे रही. उन्होंने जोर देकर कहा कि हर किसान और खेतिहर मजदूर को मौजूदा परिस्थितियों में भारी वित्तीय संकट का सामना करना पड़ रहा है, जिसे नजरअंदाज करना न्यायसंगत नहीं है.


 




 

IANS को दिए अपने इंटरव्यू में पवार ने कहा, "हम सभी यहां किसानों के कल्याण के लिए विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. हमारी मांग है कि किसानों की कर्जमाफी तुरंत लागू की जाए." उन्होंने यह भी बताया कि महाराष्ट्र में हाल ही में हुई भारी बारिश से किसानों और उनके खेतों में काम करने वाले मजदूरों को भी काफी नुकसान हुआ है. पवार ने सरकार से अपील की कि प्रभावित किसानों और मजदूरों को पर्याप्त वित्तीय और राहत सहायता तुरंत उपलब्ध कराई जाए.

 

 

विधायक रोहित पवार ने अपने हड़ताल स्थल पर किसानों, समर्थकों और स्थानीय लोगों से अपील की कि वे इस आंदोलन में शामिल हों और किसानों की समस्याओं को व्यापक स्तर पर उजागर करें. उन्होंने कहा कि यह केवल आर्थिक मुद्दा नहीं है, बल्कि किसानों और ग्रामीण समाज की मानसिक और सामाजिक स्थिरता से जुड़ा मामला है.

सांकेतिक भूख हड़ताल के माध्यम से रोहित पवार का उद्देश्य है कि सरकार किसानों की वास्तविक समस्याओं को गंभीरता से ले और उन्हें जल्द से जल्द ऋण माफी और राहत पैकेज प्रदान किया जाए. उन्होंने यह भी संकेत दिया कि यदि सरकार ने समय रहते कदम नहीं उठाए, तो यह आंदोलन और व्यापक रूप ले सकता है.

इस भूख हड़ताल को स्थानीय मीडिया और सामाजिक संगठनों ने भी समर्थन दिया है. विशेषज्ञों के अनुसार, महाराष्ट्र के किसानों की स्थिति और बढ़ते वित्तीय संकट को देखते हुए ऐसे आंदोलन समय की मांग बन गए हैं.

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