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तोड़फोड़ की साजिश नाकाम, गढ़चिरौली पुलिस ने कुख्यात नक्सली को दबोचा

Updated on: 14 September, 2025 06:22 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent | hmddigital@mid-day.com

महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए कुख्यात माओवादी उग्रवादी शंकर भीमा महाका को गिरफ्तार कर लिया. वह ताड़गांव वन क्षेत्र में तोड़फोड़ की योजना बना रहा था.

PIC/ Gadchiroli Police

PIC/ Gadchiroli Police

महाराष्ट्र की गढ़चिरौली पुलिस ने एक कुख्यात माओवादी उग्रवादी शंकर भीमा महाका को गिरफ्तार किया है, जो कथित तौर पर तोड़फोड़ करने के इरादे से ताड़गांव वन क्षेत्र में टोह ले रहा था.

भामरागढ़ दलम के 32 वर्षीय सदस्य को शनिवार को भामरागढ़ उप-मंडल के ताड़गांव पुलिस स्टेशन के अंतर्गत तिरकामेटा जंगल में दो माओवादी विरोधी विशेष अभियान दलों द्वारा चलाए गए तलाशी अभियान के दौरान गिरफ्तार किया गया.


बड़ा आपराधिक इतिहास और एनआईए की दिलचस्पी


महाका हत्या, आगजनी और आईईडी से जुड़ी घटनाओं सहित कई माओवादी मामलों में वांछित आरोपी है. एक हत्या के मामले में वह राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (एनआईए) की नज़र में था और महाराष्ट्र सरकार ने उसकी गिरफ्तारी पर 2 लाख रुपये का इनाम घोषित किया था.

उनकी गिरफ्तारी के साथ, जनवरी 2022 से गढ़चिरौली पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए माओवादियों की कुल संख्या 109 हो गई है, जो इस क्षेत्र में चल रहे नक्सल विरोधी अभियान की सफलता को दर्शाता है.


पुलिस ने 2022 में हुए एक आगजनी हमले में महाका की संलिप्तता की पुष्टि की है, जिसमें माओवादियों ने धोधराज-इरपनार-पेनगुंडा मार्ग पर सड़क निर्माण में लगे 19 वाहनों (जिनकी कीमत 2 करोड़ रुपये थी) को आग लगा दी थी. यह घटना लाहेरी उप-पुलिस स्टेशन (अपराध संख्या 01/2022) में दर्ज की गई थी, और अब महाका को इस मामले में औपचारिक रूप से गिरफ्तार कर लिया गया है.

महाका पर कुल चार आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें एक आगजनी, एक हत्या और दो अन्य माओवादी-संबंधी अपराध शामिल हैं.

2023 में, उसने कथित तौर पर पेनगुंडा गाँव में एक निर्दोष नागरिक की हत्या में भाग लिया था.

माओवादी गतिविधियों में लंबे समय से संलिप्तता

2016-2021: माओवादी संगठन में जन मिलिशिया सदस्य के रूप में कार्य किया.

2021-22: भामरागढ़ दलम में पूर्णकालिक सदस्य के रूप में भर्ती हुए.

2022 से: परायनार वन क्षेत्र में सक्रिय रूप से कार्यरत, पुलिस की गतिविधियों की खुफिया जानकारी एकत्र की और विनाशकारी अभियानों में सहायता की.

अभियान का विवरण और नेतृत्व

यह सफल गिरफ्तारी अभियान महाराष्ट्र पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों की कड़ी निगरानी में चलाया गया. इस अभियान का नेतृत्व विशेष पुलिस महानिरीक्षक (नक्सल विरोधी अभियान) संदीप पाटिल और गढ़चिरौली रेंज के पुलिस उप महानिरीक्षक अंकित गोयल ने किया.

गढचिरौली के पुलिस अधीक्षक नीलोत्पल और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (अभियान) एम. रमेश ने जमीनी समन्वय का प्रबंधन किया. टीम में अहेरी (प्रणहिता) के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सत्य साईं कार्तिक, पुलिस उपाधीक्षक (संचालन) विशाल नागरगोजे और भामरागढ़ के उप-विभागीय पुलिस अधिकारी (एसडीपीओ) अजय कोकाटे भी शामिल थे.

यह अभियान विशेष अभियान इकाई द्वारा चलाया गया, जिसके कर्मियों ने रणनीतिक निगरानी और क्षेत्रीय खुफिया जानकारी के आधार पर कट्टर माओवादी को सफलतापूर्वक गिरफ्तार कर लिया.

गिरफ्तारी के बाद, पुलिस अधीक्षक नीलोत्पल ने कहा कि गढ़चिरौली पुलिस जिले में वामपंथी उग्रवाद के नेटवर्क को तोड़ने के लिए वन क्षेत्रों में माओवाद-विरोधी अभियानों को और तेज करेगी. उन्होंने सक्रिय माओवादियों से हिंसा छोड़ने और सरकार की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति का लाभ उठाने की पुनः अपील की.

नीलोत्पल ने इस बात पर ज़ोर दिया कि जो लोग आत्मसमर्पण करना चाहते हैं, उन्हें समाज में सम्मान और गरिमा के साथ फिर से शामिल होने का अवसर दिया जाएगा, और उन्हें हिंसा का रास्ता छोड़कर शांतिपूर्ण जीवन शुरू करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा.

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